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    बंगाल: नदिया में 70 साल के बुजुर्ग की मौत, परिवार ने बताया वोटर लिस्ट से नाम हटने का सता रहा था डर

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 05:01 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में 70 वर्षीय श्यामल कुमार साहा की मतदाता सूची से नाम हटने के डर से मौत हो गई। परिवार का कहना है कि 2002 की सूची में नाम न होने की जानकारी से वह परेशान थे। उनके पास सभी वैध दस्तावेज थे। तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया है, जबकि भाजपा ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।

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    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के नदिया जिले में सोमवार को 70 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि उसकी जान बंगाल में मतदाता सूची के जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़ी चिंता के कारण गई है।

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    पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान श्यामल कुमार साहा के रूप में हुई है, जो ताहिरपुर थानाक्षेत्र के कृष्णचकपुर मंडलपारा के निवासी थे।

    नदिया में SIR के डर से बुजुर्ग की मौत

    पुलिस ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि 2002 की मतदाता सूची में नाम नहीं होने की जानकारी मिलने के बाद से श्यामल ने खाना-पीना छोड़ दिया था।

    उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास सभी वैध दस्तावेज थे। हमें मौत की जानकारी मिली है, लेकिन परिवार की ओर से इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई गयी है।

    परिवार ने SIR को बताया मौत की वजह

    पुलिस के मुताबिक जांच से पता चला कि मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और संपत्ति के कागजात समेत सभी वैध दस्तावेज होने के बावजूद श्यामल मतदाता सूची के एसआइआर की घोषणा के बाद से ही डरे हुए थे।

    उनकी पत्नी ने बताया, वह मुश्किल से खाते थे और लगातार चिंतित रहते थे। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और पंचायत सदस्यों ने श्यामल के परिवार से मुलाकात की। श्यामल फेरीवाले थे।

    तृणमूल कांग्रेस का निर्वाचन आयोग पर आरोप

    पश्चिम बंगाल में 23 वर्षों के अंतराल के बाद मतदाता सूची का SIR जारी है। राज्य में पिछला एसआईआर 2002 में हुआ था। पुलिस के अनुसार, एसआईआर की घोषणा के बाद से, मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान मतदाता सूची से बाहर किये जाने के डर से बंगाल में कई लोगों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।

    तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई SIR प्रक्रिया से उत्पन्न घबराहट ने कई लोगों को परेशानी में डाल दिया है। भाजपा ने इस आरोप को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज किया है।