'बिरयानी' और 'दावत' व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल के कोडवर्ड का खुलासा, खाने के नाम पर आतंकी साजिश का पर्दाफाश
फरीदाबाद में पकड़े गए व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल ने टेलीग्राम पर कोडवर्ड का इस्तेमाल किया। डॉक्टर 'बिरयानी' (विस्फोटक) और 'दावत' (हमले का दिन) जैसे शब्दों से साजिश रचते थे। चारों डॉक्टरों के मेडिकल लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। मॉड्यूल का मास्टरमाइंड इरफान अहमद है, जिसने डॉक्टरों को कट्टरपंथी बनाया और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से मिलवाया। NIA ने दिल्ली से एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच के घेरे में है।
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खाने के नाम पर आतंकी साजिश का पर्दाफाश (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फरीदाबाद में पकड़े गए व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल ने टेलीग्राम पर आम खाने-पीने के नामों को कोड की तरह इस्तेमाल किया। सुरक्षा एजेंसियों को पता चला कि चार डॉक्टर अपनी चैट में बिरयानी और दावत जैसे शब्दों से बम और हमले की साजिश पर बात करते थे, ताकि किसी को शक न हो।
चारों डॉक्टर मुजम्मिल शकील, उमर उन नबी, शाहीना सईद और अदील हम रादर अब अपने मेडिकल लाइसेंस खो चुके हैं। एजेंसियों के मुताबिक, ये लोग खाने पर बात करते दिखते थे लेकिन असल में यह बातचीत धमाके और हमलों की तैयारी थी।
बिरयानी और दावत का क्या था मतलब?
जांच में पता चला कि बिरयानी का मतलब था विस्फोटक सामग्री और दावत का मतलब हमले का दिन। जब हम तैयार हो जाता था तो संदेश भेजा जाता था, "बिरयानी तैयार है, दावत के लिए तैयार रहो।"
इस मॉड्यूल के पीछे मास्टमाइंड है जम्मू-कश्मीर के शोपियां का इमाम इरफा अहमद। वह 2020 में श्रीनगर के एक अस्पताल में अपने बच्चे के लाज के लिए गया था, जहां उसकी मुलाकात नबी से हुई, उसी नबी से जिसने चांदनी चौक में कार बम पहुंचाया
डॉक्टरों को कैसे जाल में फंसाया?
इरफान इलाज का बहाना बनाकर बार-बार अस्पताल आता रहा और उसी दौरान नबी को कट्टरपंथ की तरफ ले गया। बाद में नबी ने काबिल डॉक्टरों को पहचानकर इरफान से मिलवाया और टेलीग्राम पर उन्हे आतंक की राह दिखाने का काम जारी रखा।
बड़ा मोड़ तब आया जब इरफान ने इन सभी डॉक्टरों की मुलाकात साउथ कश्मीरमें पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से कराई। वहां से डॉक्टरों को दो AK सीरीज राइफलें मिलीं। दोनों राइफलें बरामद करली गई हैं, एक शाहीना सईद की कार से मिली।
शाहीना ने किए कई खुलासे
शाहीना सईद ने जांच में कहा कि वह बाकी डॉक्टरों के संपर्क में लगभग 6 महीने पहले आई थी और उसे पूरी साजिश का पता नहीं था। लेकिन मेडिकल परिषद ने चारों के नाम इंडियन मेडिकल रजिस्टर और नेशनल मेडिकल रजिस्टर से हटा दिए, अब ये डॉक्टर नहीं कहलाएंगे और न ही देश में प्रैक्टिस कर पाएंगे।
NIA ने दिल्ली से आमिर राशिद ली को भी गिरफ्तार किया है। वही व्यक्ति था जिसने Hyundai i20 कार खरीदी थी, जिसे नबी ने कार में बम के तौर पर इस्तेमाल किया। उसने IED तैयार करने में भी मदद की थी।
जांच के घेरे में अल फलाह यूनिवर्सिटी
फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी जहां ये डॉक्टर काम करते थे, अब वित्तीय और प्रशासनिक मामलों में जांच के घेरे में है। NIA ने आत्मघाती हमलावर नबी के नाम से दर्ज एक वाहन भी जब्त किया है।

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