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    Arattai की प्राइवेसी को लेकर यूजर ने पूछा अतरंगी सवाल तो जोहो के फाउंडर वेंबू बोले- 'Trust Me Bro'

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 05:01 PM (IST)

    Arattai की प्राइवेसी को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। यूजर्स ने व्हाट्सएप की एन्क्रिप्शन पॉलिसी पर सवाल उठाए और Arattai की तुलना में विभिन्न राय व्यक्त की। जोहो के फाउंडर वेंबू ने यूजर्स को विश्वास रखने को कहा और भारतीय उत्पाद को समर्थन देने की बात कही।

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    जोहो फाउंडर श्रीधर वेंबू। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जोहो का मैसेजिंग ऐप Arattai पिछले कुछ हफ्तों में काफी लोकप्रिय हो गया है। यह ऐप मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप की तरह काम करता है, जिससे यूजर्स मैसेज, फोटो, वीडियो और दस्तावेज भेज सकते हैं, वॉइस और वीडियो कॉल कर सकते हैं, स्टोरीज शेयर कर सकते हैं और चैनल मैनेज कर सकते हैं।

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    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक यूजर ने ऐप में प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाया है। उसने लिखा, "मैंने जोहो के संस्थापक से पूछा कि Arattai चैट ऐप इस्तेमाल करते समय पति-पत्नी के बीच शेयर की जाने वाली तस्वीरें कितनी निजी होती हैं। उनका जवाब था: मुझ पर भरोसा करो भाई!"

    वेंबू ने क्या कहा?

    जोहो के संस्थापक श्रीधर वेंबू ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "मैंने यह स्पष्ट रूप से कहा। हमारा पूरा SAS व्यवसाय इस विश्वास पर आधारित है कि हम ग्राहक डेटा तक पहुंच नहीं बनाते हैं और हम इसका उपयोग उन्हें सामान बेचने के लिए नहीं करते हैं। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक तकनीकी विशेषता है और यह आ रही है। विश्वास कहीं अधिक मूल्यवान है और हम वैश्विक बाजार में प्रतिदिन उस विश्वास को अर्जित कर रहे हैं। हम अपने उत्पाद के प्रत्येक उपयोगकर्ता के उस विश्वास को हर जगह पूरा करना जारी रखेंगे।"

     

     

    सोशल मीडिया पर मिली प्रतिक्रिया

    जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, सोशल मीडिया पर लोग प्राइवेसी को लेकर चर्चा करने लगे और कमेंट सेक्शन में तरह-तरह के विचार आने लगे। एक यूजर ने कमेंट किया, "क्या आपको पता है कि व्हाट्सएप कब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड था?"

    एक अन्य यूजर ने लिखा, "व्हाट्सएप में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन 2016 तक उपलब्ध नहीं था। Arattai नया है और इसमें सुधार हो रहा है। अगर कोई अच्छा काम कर रहा है तो उसे धमकाने की कोशिश न करें।"

    तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, "किसी भारतीय उत्पाद में कमियां निकालना और उसे बेहतर बनाने में मदद करना अच्छी बात है। इरादे नेक होने चाहिए, सामाजिक पूर्वाग्रहों से ग्रस्त नहीं। आप कौन हैं? इसका इस्तेमाल करना या न करना आपकी अपनी पसंद है।"

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