Cyclone Montha: खतरनाक हो सकता है 'चक्रवात ‘मोन्था’, IMD ने ओडिशा में जारी किया भारी बारिश का अलर्ट
चक्रवात ‘मोन्था’ के खतरे को देखते हुए IMD ने ओडिशा में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। ओडिशा सरकार ने चक्रवात से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है और राहत और बचाव दल को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। अक्टूबर महीना ओडिशा के लोगों के लिए हमेशा चक्रवातीय खतरे की याद दिलाता है। इस बार का अक्टूबर भी कुछ ऐसा ही कड़वा अनुभव देने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आगामी 27 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवातीय परिसंचरण बनने की संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक, शुक्रवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में एक निम्न दबाव क्षेत्र बन चुका है। यह धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और अधिक संगठित होकर शनिवार तक दक्षिण-पूर्व और मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर अवदाब (डिप्रेशन) का रूप ले लेगा।
26 अक्टूबर तक यह और मजबूत होकर गहरे अवदाब (डीप डिप्रेशन) में तब्दील हो जाएगा। 27 अक्टूबर (सोमवार) की सुबह तक इसके और तीव्र होकर दक्षिण-पश्चिम और मध्य-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का रूप धारण करने की पूरी संभावना है।
हालांकि, यह तूफान कितना प्रबल होगा, किस दिशा में आगे बढ़ेगा और कहां पर यह भूमि को स्पर्श करेगा, इस संबंध में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
मार्ग अब भी अस्पष्ट
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह चक्रवात मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के पास भूमि स्पर्श कर सकता है। जैसे-जैसे यह प्रणाली अवदाब में परिवर्तित होगी, तस्वीर और स्पष्ट हो जाएगी। इस तूफान का नाम ‘मोन्था’ होगा, यह नाम थाईलैंड द्वारा प्रस्तावित किया गया है। इस शब्द का अर्थ है ‘सुगंधित फूल’ या ‘सुंदर पुष्प’।
मौसम वैज्ञानिक सुरेंद्रनाथ पशुपालक ने बताया कि बीते दिन बंगाल की खाड़ी में तीन अलग-अलग चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र सक्रिय थे। इनमें से दक्षिण-पूर्व क्षेत्र वाला परिसंचरण आज सुबह निम्न दबाव क्षेत्र में बदल गया है, जो शाम तक और अधिक स्पष्ट रूप से चिह्नित हो गया।
यह प्रणाली लगातार तीव्र होकर 27 अक्टूबर को चक्रवातीय अवदाब बनेगी। मौसम की स्थिति अनुकूल रहने से 28 अक्टूबर को यह और प्रबल होकर चक्रवात में तब्दील हो सकती है।
वर्तमान में दो परिदृश्य सामने आ रहे हैं
1.पहला, 28 अक्टूबर को यह प्रणाली और मजबूत होकर आंध्र तट (नेल्लोर से विशाखापत्तनम के बीच) भूमि स्पर्श कर सकती है।
2.दूसरा, यदि इस पर पश्चिमी पवन का प्रभाव पड़ा, तो यह 29 अक्टूबर को कमजोर होकर ओडिशा तट की ओर मुड़ सकती है।
ओडिशा में बारिश और चेतावनी
निम्न दबाव क्षेत्र के अवदाब बनने की संभावना है, इसलिए 25 और 26 अक्टूबर को तटीय और निकटवर्ती ओडिशा में बिजली-गर्जन के साथ वर्षा हो सकती है। 27 अक्टूबर से राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ेगी।
गंजाम, गजपति और रायगड़ा जिलों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इसी तरह तटीय और पश्चिमी ओडिशा के कई हिस्सों में भी गरज-चमक के साथ वर्षा की संभावना है।
28 और 29 अक्टूबर को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है। संभावित चक्रवात के कारण ओडिशा तटवर्ती समुद्र में अशांति बनी रहेगी। इसलिए मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है।

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