Odisha: राज्यपाल ने KISS के छात्रों के साथ किया लंच, बनाया नया रिकॉर्ड
ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरिबाबू कंभमपति ने अपनी पत्नी के साथ KIIT KISS और KIMS का दौरा किया। उन्होंने KISS के छात्रों के साथ भोजन किया जिससे वे ऐसा करने वाले पहले राज्यपाल बने। राज्यपाल ने KIIT के विभिन्न परिसरों का निरीक्षण किया और KISS में छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने अच्युत सामंत के प्रयासों की सराहना की।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरिबाबू कंभमपति और उनकी पत्नी जयश्री कंभमपति ने केआईआईटी, केआईएसएस और केआईएमएस का दौरा किया। उन्होंने यहां केआईएसएस के छात्रों के साथ दोपहर का भोजन भी किया। डॉ. कंभमपति ओडिशा के पहले राज्यपाल हैं, जिन्होंने बच्चों के साथ दोपहर का भोजन किया।
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को राज्यपाल जैसे ही कीट कैंपस पहुंचे तो केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक अच्युत सामंत ने उनकी अगवानी की। बाद में राज्यपाल ने केआईआईटी के विभिन्न परिसरों और खेल बुनियादी ढांचे का दौरा किया।
केआईआईटी विश्वविद्यालय के परिसर में अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने विभिन्न कैंपस का दौरा किया और वहां शिक्षकों और छात्रों के साथ बातचीत की। विश्वविद्यालय के ग्रामीण प्रबंधन परिसर में कुलपति प्रोफेसर शरणजीत सिंह और कुलपति प्रोफेसर ज्ञान रंजन मोहंती ने उनकी अगवानी की।
राज्यपाल ने प्रदेश के महापुरुषों की आकर्षक मूर्तियों को देख मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने रोज गार्डन, लॉ स्कूल, बायोटेक्नोलॉजी, केआईएमएस, केआईएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और कीट इंटरनेशनल स्कूल परिसर का भी दौरा किया। केआईएसएस पहुंचने पर उन्होंने छात्रों के साथ दोपहर का भोजन किया। लंच के बाद उन्होंने बच्चों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
सभी परिसरों का दौरा करने के बाद राज्यपाल ने केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक अच्युत सामंत के प्रयासों की सराहना की। केआईएसएस में राज्यपाल की यात्रा के दौरान केआईएसएस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देबाशीष बंदोपाध्याय और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत कुमार राउतराय भी उपस्थित थे।
यहां उल्लेखनीय है कि केआईएसएस विश्वविद्यालय देश का सबसे बड़ा आदिवासी आवासीय विश्व विद्यालय है, जहां पर लगभग 30 हजार आदिवासी बच्चे में मुफ्त में पढ़ाई करते हैं। इन छात्रों के रहने खाने की भी व्यवस्था की संस्थान की तरफ से की जाती है।
डॉ. अच्यूत सामन्त अपने इस शिक्षण संस्थान के जरिए ना सिर्फ आदिवासी बच्चों को शिक्षा के जरिए रोजगार दे रहे हैं बल्कि प्रदेश में आज जो नक्सल समस्या कम हुई है, उसमें कीस का बहुत बड़ा योगदान हैं।
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