जगन्नाथ पुरी महाप्रसाद पर संकट, मंदिर की लड़की भेजी जा रही श्मशान, रसोई में किल्लत
पुरी जगन्नाथ मंदिर में महाप्रसाद बनाने के लिए लकड़ी की कमी हो गई है क्योंकि सरकार द्वारा आवंटित लकड़ी का 75% स्वर्गद्वार श्मशान में भेजा जा रहा है। इससे कार्तिक माह में महाप्रसाद तैयार करने में दिक्कत होगी क्योंकि इस दौरान भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। सेवायतों को आर्थिक नुकसान हो रहा है क्योंकि उन्हें बचा हुआ भोग बेचने से रोक दिया गया है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। जगन्नाथ धाम पुरी में महाप्रसाद की तैयारी पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। मंदिर के रसोई घर (रोसघर) में लकड़ी की भारी कमी हो गई है। इससे श्रद्धालु और सेवायत दोनों ही चिंतित हैं, खासकर जब पवित्र कार्तिक माह नजदीक है।
क्यों खड़ी हुई किल्लत?
सुआर-महासुआर निजोग के अनुसार, सरकार से मंदिर को मिलने वाली लकड़ी का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा स्वर्गद्वार श्मशान में अंतिम संस्कार हेतु भेजा जा रहा है। इसके कारण रसोई में महाप्रसाद बनाने के लिए पर्याप्त लकड़ी नहीं बच पा रही है।
कार्तिक माह में बढ़ेगी परेशानी
कार्तिक माह जगन्नाथ मंदिर के लिए बेहद खास है। इस दौरान हजारों हबिष्यालि (भक्त जो धार्मिक व्रत करती हैं) पुरी पहुंचती हैं। ऐसे में रोजाना बड़ी मात्रा में महाप्रसाद तैयार करना जरूरी होता है। यदि लकड़ी की कमी दूर नहीं हुई, तो महाप्रसाद की परंपरा गंभीर संकट में पड़ सकती है।
सेवायतों को हो रहा आर्थिक नुकसान
मंदिर प्रशासन ने हाल ही में सुपकार सेवायतों को बचा हुआ भोग बेचने पर रोक लगा दी है। पहले यह उनकी आय का बड़ा सहारा था। अब इस रोक के चलते पारंपरिक रसोइयों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
क्या मांग कर रहा है निजोग?
निजोग ने प्रशासन से लकड़ी की तुरंत आपूर्ति सुनिश्चित करने और सेवायतों को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। चेतावनी भी दी गई है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो कार्तिक माह में महाप्रसाद की तैयारी रोकनी पड़ सकती है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
गंभीर संकट के बावजूद मंदिर प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। भक्तों और सेवायतों की नजरें अब सरकार और प्रशासन पर टिकी हैं।
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