झारखंड नाबालिग दुष्कर्म मामले में भुवनेश्वर में जांच तेज, ‘याज्ञसेनी निवास’ वेश्यालय घोषित
भुवनेश्वर में झारखंड नाबालिग दुष्कर्म मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है। झारखंड चाइल्ड कमीशन की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित का बयान दर्ज किया। पुलिस ने 'याज्ञसेनी निवास' को वेश्यालय घोषित कर दिया है और मकान मालिक संजीव दास को गिरफ्तार किया है। सेक्स रैकेट का दूसरा मास्टरमाइंड बारिक अभी भी फरार है।

झारखंड नाबालिग दुष्कर्म मामला
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर में बहुचर्चित झारखंड नाबालिग दुष्कर्म मामले में शामिल कुछ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि इस संवेदनशील घटना में और कौन-कौन शामिल हैं, इसकी जांच कमिश्नरेट पुलिस जारी रखे हुए है।इसी बीच शुक्रवार को झारखंड चाइल्ड कमीशन की टीम कैपिटल थाना और कैपिटल हॉस्पिटल पहुंचकर घटना क्रम से जुड़ी जानकारी जुटाई।
भुवनेश्वर में झारखंड की तीन सदस्यीय टीम
झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (जेएससीपीसीआर) की तीन सदस्यीय टीम, ओडिशा चाइल्ड कमीशन की सदस्य सुजाता नायक और कैपिटल थाना पुलिस के साथ विस्तृत चर्चा की।
यह टीम उस नाबालिग के रहने वाले सुधार गृह में जाकर भी पूछताछ की।झारखंड टीम ने पीड़ित नाबालिग का बयान दर्ज किया और कैपिटल थाना पुलिस से सभी रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिए।
‘याज्ञसेनी निवास’ वेश्यालय घोषित
कमिश्नरेट पुलिस ने लक्ष्मीसागर थाना क्षेत्र में संजीव दास की तीन मंजिला इमारत ‘याज्ञसेनी निवास’ को वेश्यालय घोषित किया है।इमारत के दूसरे और तीसरे तल पर स्थित 6 कमरों सहित पूरे भवन को सील कर दिया गया है।
पुलिस ने मकान मालिक संजीव दास को कोर्ट में पेश किया है।बताया जा रहा है कि संजीव इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड है। पुलिस ने उससे लंबी पूछताछ की।उसने किस मकसद से किंगपिन मंजू सेठी को घर किराए पर दिया, कब से किराए पर दिया, कब से सेक्स रैकेट चल रहा था, वह कब से इसमें शामिल था।
इन सभी सवालों का वह जवाब नहीं दे सका और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा।सभी तथ्यों के आधार पर पुलिस ने उस घर को वेश्यालय घोषित किया।
घर वेश्यालय घोषित होने पर क्या होता है
जिस घर को वेश्यालय घोषित किया जाता है, उस घर को कमिश्नरेट पुलिस एक वर्ष के लिए सील कर देती है।इस अवधि में मकान मालिक किसी भी अदालत में अपील नहीं कर सकता।
इसके साथ ही, उस क्षेत्र में स्थित शिक्षण संस्थान, मंदिर, क्लब और अन्य सार्वजनिक स्थानों को भी पत्र के माध्यम से सूचित किया जाता है कि वह घर वेश्यालय घोषित किया गया है।
मास्टरमाइंड बारिक कहां गया?
सेक्स रैकेट के दूसरे मास्टरमाइंड के रूप में जाने जाने वाला बारिक अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बारिक पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुछ दलालों के नियमित संपर्क में था।
वह इन बाहरी दलालों को मोटी रकम देकर युवतियों को ओडिशा लाता था और नौकरी का झांसा देकर उन्हें सेक्स रैकेट में फंसा देता था।इस पूरे गिरोह को मंजू और ममता संभालती थीं।
मंजू-ममता जोड़ी के पश्चिम बंगाल और झारखंड की महिला दलालों से भी संबंध होने की जानकारी मिली है।बारिक की गिरफ्तारी के बाद इस बड़े रैकेट के कई रहस्य उजागर हो सकते हैं।
एक सप्ताह पहले हुई थी दुष्कर्म की घटना
जानकारी के अनुसार, 16 अक्टूबर की रात एक नाबालिग लड़की को कैपिटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।एक महिला उसे ऑटो से लाकर कैजुअल्टी वार्ड में भर्ती कराकर चली गई थी।
लड़की को भारी रक्तस्राव हो रहा था, जिससे ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को संदेह हुआ।डॉक्टर ने लड़की के साथ आई महिला से पूछताछ की, लेकिन फंसने के डर से वह महिला मौका पाकर अस्पताल से फरार हो गई।
इसके बाद डॉक्टर ने तत्काल कैपिटल हॉस्पिटल पुलिस चौकी को एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) की रिपोर्ट दी।जब तक पुलिस उस महिला को खोजने पहुंची, वह गायब हो चुकी थी।

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