Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, 18 कार्यदिवस पहले ही समाप्त हुआ शीतकालीन सत्र

    By SHESH NATH RAIEdited By: Piyush Pandey
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 05:56 PM (IST)

    ओडिशा विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है, जिससे शीतकालीन सत्र 18 कार्यदिवस पहले ही समाप्त हो गया। इस सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर ...और पढ़ें

    Hero Image

    ओडिशा विधानसभा। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। निर्धारित 18 कार्यदिवसों से पहले ही सदन की कार्यवाही समाप्त हो गई।

    इस शीतकालीन सत्र में कुल 11 दिनों तक ही सदन चला। आज से शीतकालीन अधिवेशन बंद हो गया। सभी सदस्यों की सहमति से यह निर्णय लिया गया।

    इस बार का शीतकालीन सत्र कई वजहों से चर्चा में रहा। सबसे बड़ा कारण था-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का विधानसभा को संबोधित करना। उन्होंने विधायकों को आचरण और व्यवहार को लेकर जागरूक भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। साथ ही, विधानसभा अध्यक्ष से लेकर सभी विधायकों के वेतन बढ़ोतरी का बिल भी पारित हुआ।

    मलकानगिरि मुद्दे पर गरमा गया सदन

    सदन के अंतिम दिन मलकानगिरि हिंसा का मुद्दा छाया रहा। शून्यकाल के दौरान विपक्ष ने इस विषय को उठाकर सरकार को घेरा। बीजेडी विधायक रणेन्द्र प्रताप स्वाईं ने मलकानगिरि की स्थिति को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला।

    उन्होंने कहा, "मलकानगिरि जल रहा है, आगे चलकर यह दूसरा कंधमाल बन सकता है। कई घर जला दिए गए हैं, लोगों की जान जा रही है और हम यहां बैठकर कार्यवाही कर रहे हैं-लोग क्या कहेंगे?"

    उन्होंने आगे कहा—"राज्य का एक हिस्सा जल रहा है और हम यहां नियम बना रहे हैं। यह कितना उचित है?"
    मुख्यमंत्री के सदन में उपस्थित न होने को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए।

    उन्होंने कहा—"जिस तरह मणिपुर जल रहा था, उसी तरह अब मलकानगिरि जल रहा है। बंगाली बोलने वाला हर व्यक्ति बांग्लादेशी नहीं होता, लेकिन राज्य में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है।"

    स्वाईं ने मांग की कि अध्यक्ष मुख्यमंत्री को सदन में बयान देने का निर्देश दें और तुरंत हाउस कमिटी बनाकर मलकानगिरि भेजा जाए।

    रत्नभंडार की चाबी गुम होने का मुद्दा—सीबीआई जांच की मांग

    आज बीजेडी विधायक रणेन्द्र प्रताप स्वाईं ने रत्नभंडार की चाबी गायब होने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में सीबीआइ जांच करानी चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था—ओडिशा में भाजपा सरकार आने पर रत्नभंडार चाबी गुम होने के मामले की सीबीआइ जांच कराई जाएगी।

    इसके साथ ही उन्होंने ‘तामिल ले गया—तामिल को पकड़ो-पकड़ो’ जैसे बयान का भी जिक्र किया।