Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ओडिशा के इतिहास में पहली बार, मुख्यमंत्री ने छठव्रतियों के बीच उगते सूरज को दिया अर्घ्य

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 12:07 PM (IST)

    ओडिशा के इतिहास में पहली बार, मुख्यमंत्री ने छठव्रतियों के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। उन्होंने छठ पूजा के अवसर पर घाट का दौरा किया और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर छठव्रती काफी उत्साहित दिखे और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।

    Hero Image

    भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हुए

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। आस्था एवं विश्वास का चार दिवसीय महापर्व छठ उदीयमान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही सम्पन्न हो गया है।हालांकि इस वर्ष छठ पर्व में छठव्रती एवं आयोजकों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला, क्योंकि पहली बार प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने एक आम आदमी की तरह अपनी पत्नी प्रियंका मरांडी के साथ कुआखाई नदी में खड़े होकर उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chhath puja (29)

    उन्होंने सभी छठ व्रतियों को शुभकामना दी और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार हर समय उनके सुख-दुख में साथ है। वहीं पहली बार किसी मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर छठ घट पर आए लोगों ने पुष्प वर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

    जानकारी के मुताबिक मुम्बई दौरे से सोमवार रात करीब 10 बजे भुवनेश्वर पहुंचने के बाद मंगलवार तड़के पांच बजे पत्नी के साथ घाट पर पहुंच गए। घाट पर आयोजित कार्यक्रम में बिश्वास के अध्यक्ष इंजीनियर राजकुमार, उपाध्यक्ष अजय बहादूर सिंह, सचिव अशोक भगत, संयुक्त सचिव आनंद मोहन, महिला मंडल की अध्यक्ष मधु त्रिपाठी, श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी महारुद्र झा, डीएस त्रिपाठी, चन्द्र शेखर सिंह, विद्या मिश्रा, संजय झा, शंकर यादव प्रमुख ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

    अर्घ्य बेला होते ही मुख्यमंत्री अपनी पत्नी प्रियंका मरांडी के साथ नदी घाट में प्रवेश किए और उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर छठ व्रती एवं उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ पर्व की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें कोई दिखावा नहीं, कोई आडंबर नहीं, केवल सच्ची निष्ठा और आत्मिक श्रद्धा होती है।

    उन्होंने कहा कि इस पर्व में महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी व्रत रखते हैं और सूर्य देव तथा छठ मैया की आराधना करते हैं।छठ पर्व सूर्य उपासना का महान उत्सव है। यह पर्व केवल पूजा नहीं, बल्कि प्रकृति, परिवार और समाज के प्रति हमारे संस्कार और समर्पण का प्रतीक है।

    छठ पर्व मुख्य रूप से पहले बिहार, झारखंड एवं फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश और अब पूरी दुनिया में बड़ी श्रद्धा और आस्था से मनाया जाता है।चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व के बारे में भी विस्तार से अपने विचार रखे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर्व का पहला दिन “नहाए-खाए”, जिसमें भक्तजन शुद्धता के साथ स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।दूसरा दिन “खरना”, जब उपासक निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को गुड़-चावल की खीर, रोटी और केले का प्रसाद बनाकर व्रत खोलते हैं। तीसरा दिन सबसे विशेष होता है “संध्या अर्घ्य”, जब व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। अंतिम दिन “उषा अर्घ्य” में उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत का समापन किया जाता है।

    मुख्यमंत्री के दौरे के चलते छठ घाट पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे।पूरी रात सुरक्षा टीम घाट पर तैनात रही। छठ व्रतियों की किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इसके लिए प्रशासन की तरफ से सुचारू व्यवस्था की गई थी। दमकल की टीम मौके पर तैनात रही।

    इससे पहले शाम के समय भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्त एस.देवदत्त सिंह भी घाट पर पहुंच कर आयोजकों से बात करने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था।

    भुवनेश्वर के डीसीपी जगमोहन मीना आज तड़के घाट पर पहुंचने के साथ तमाम सुरक्षा व्यवस्था के साथ पहले से घाट पर मौजूद रहे और पार्किंग स्थल से लेकर उठाए गए सुरक्षा कदम का जायजा लिए।

    वहीं छठ महापर्व को सफल बनाने में योगदान देने वाले अपने सभी सदस्यों के प्रति अध्यक्ष इंजीनियर राजकुमार ने आभार प्रकट किया।