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    ओडिशा में 16 महीनों में 69 डिजिटल अरेस्ट, 222 करोड़ की साइबर ठगी, ओडिशा सरकार का खुलासा

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 08:15 PM (IST)

    ओडिशा में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, पिछले 16 महीनों में 222 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हुई है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधानसभा में बताया क ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में साइबर अपराध का दायरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 16 महीनों के आंकड़े इसकी भयावह तस्वीर पेश करते हैं। 
     
    मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि इस अवधि में साइबर अपराधियों ने 222 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 3,486 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं। 
     
    मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान पुलिस ने 727 आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि 104 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। साइबर ठगों द्वारा हड़पी गई कुल राशि 2,22,09,78,647 रुपये दर्ज की गई है। 
     
    प्रशासन अब तक पीड़ितों को 61.36 लाख रुपये वापस करा चुका है। साथ ही, जांच के दौरान 6,74,09,434 बैंक खातों को फ्रीज किया गया है ताकि ठगी की रकम को आगे ट्रांसफर होने से रोका जा सके।


    कितने ‘डिजिटल अरेस्ट’? 

    कांग्रेस के पटांगी क्षेत्र से विधायक रामचंद्र कदम ने पूछा था कि पिछले 16 महीनों में साइबर अपराधियों ने कितने ‘डिजिटल अरेस्ट’ किए और कितने मामलों में गिरफ्तारियां हुईं।  

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    मुख्यमंत्री ने जवाब में बताया कि 69 डिजिटल अरेस्ट दर्ज किए गए हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ एक नई साइबर धोखाधड़ी तकनीक है, जिसमें साइबर अपराधी स्वयं को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को कॉल, वीडियो कॉल या चैट के माध्यम से डराते-धमकाते हैं और उन्हें पूरी तरह डिजिटल निगरानी (वर्चुअल कस्टडी) में रखकर रुपये ठग लेते हैं।


    पिछले वर्षों के आंकड़े भी चिंताजनक 

    मई 2025 से पहले के तीन वर्षों में भी साइबर अपराध का स्तर उच्च रहा है। इस अवधि में ठगों ने करीब 125 करोड़ रुपये की ठगी की थी। तब पुलिस ने 6,000 से अधिक मामले दर्ज करते हुए 1,388 आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

    क्राइम ब्रांच के डीजी विनयतोष मिश्रा ने पहले ही स्पष्ट किया है कि साइबर अपराध के विभिन्न मामलों की जांच के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस नागरिकों के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रही है, ताकि लोग ठगी का शिकार होने से बच सकें।

    राज्य सरकार का कहना है कि साइबर ठगों पर नकेल कसने के लिए तकनीकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। आने वाले समय में और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे।