Odisha Flood: बारिश के बाद अब बाढ़ की चुनौती, ओडिशा के कई जिलों में जल प्रलय
ओडिशा में बारिश थमने के बाद भी बाढ़ का संकट बरकरार है बालेश्वर भद्रक और जाजपुर जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। स्वर्णरेखा और बैतरणी जैसी नदियों ने भारी तबाही मचाई है जिससे हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं। जाजपुर में बांध टूटने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है जिससे सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं।

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। बारिश भले ही थम चुकी हो, लेकिन ओडिशा में बाढ़ की त्रासदी थमने का नाम नहीं ले रही है।बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर जिला अभी भी जल प्रलय से कराह रहे हैं।गांव डूबे हैं, सड़कें कट चुकी हैं और किसानों की मेहनत की कमाई बह गई है।
बालेश्वर में स्वर्णरेखा का तांडव
बालेश्वर जिले में स्वर्णरेखा नदी ने एक बार फिर कहर बरपाया है।नदी का उफान इतना तेज है कि गांव, खेत और घर पानी में समा गए हैं।अब तक 10,000 हेक्टेयर से अधिक धान की फसल चौपट हो चुकी है।
पानी उतरते ही बर्बादी की तस्वीर और भी दर्दनाक दिख रही है।टूटी दीवारें, गिरे मकान, खेतों में सड़ चुकी फसलें और मदद की आस में बैठे ग्रामीण।
भद्रक में सब्जियों तक को निगला पानी
भद्रक जिले में बैतरणी नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, मगर किसानों की परेशानी जस की तस बनी हुई है।धान की फसल तो बर्बाद हुई ही, साथ ही सब्जियों के खेत भी पानी में डूब गए।
एक किसान ने कहा “हमारी सारी उम्मीदें डूब गईं। अब कैसे खड़े होंगे, समझ नहीं आ रहा।”
जाजपुर में टूटा बांध, डूबे सैकड़ों घर
जाजपुर के दसरथपुर में कानी नदी का बांध टूट गया, जिससे सैकड़ों घर जलमग्न हो गए।हालात इतने बिगड़ गए कि छह हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाना पड़ा।
गांवों में चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है और लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
लंबा होगा राहत और पुनर्वास का रास्ता
तीनों जिलों में हालात इस बात की गवाही दे रहे हैं कि राहत और पुनर्वास की राह आसान नहीं होगी। बारिश थम चुकी है, लेकिन बाढ़ से आई तबाही लोगों को लंबे समय तक झेलनी होगी।किसान और परिवार सरकार की मदद का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
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