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    Odisha News: सरकार ने ब्लॉक अध्यक्षों की वित्तीय शक्ति को घटाने के लिए शुरू की प्रक्रिया, विपक्ष का विरोध तेज

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 12:41 PM (IST)

    ओडिशा सरकार ने पंचायत समिति अध्यक्षों की वित्तीय शक्ति घटा दी है। अब 20 लाख रुपये तक के कार्यों के लिए अध्यक्ष के हस्ताक्षर की ज़रूरत नहीं होगी बल्कि बीडीओ ही हस्ताक्षर करेंगे। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है जबकि सरकार का कहना है कि यह फ़ैसला जनहित में है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे अध्यक्षों का प्रभाव कम होगा।

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    ब्लॉक अध्यक्षों की वित्तीय शक्ति घटाने पर सियासत गरम। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने पंचायत समिति अध्यक्षों की वित्तीय शक्ति घटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नए निर्देश के तहत अब ब्लॉक में 20 लाख रुपये तक के कार्यों के लिए अध्यक्ष के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि बीडीओ के हस्ताक्षर से ही कार्य संपन्न हो जाएगा।

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    पहले 2 लाख रुपये तक के कार्यों में बीडीओ हस्ताक्षर करते थे, जबकि 2 से 20 लाख रुपये के परियोजनाओं में अध्यक्ष के काउंटर सिग्नेचर अनिवार्य थे।

    सरकार के इस फैसले से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जबकि पंचायतीराज मंत्री रवि नारायण नायक ने इसे जनहित और विकास के लिए आवश्यक बताया है।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ब्लॉक स्तर की अधिकतर परियोजनाएं 20 लाख रुपये के भीतर होती हैं, जिससे अध्यक्ष का प्रभाव लगभग समाप्त हो जाएगा।

    पूर्व पंचायतीराज मंत्री प्रदीप अमात ने कहा कि यह कदम त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था पर कुठाराघात है और निर्वाचित प्रतिनिधियों से शक्ति छीनने की साजिश है।

    वहीं, बीजेडी विधायक व पूर्व मंत्री अरुण साहू ने भाजपा सरकार पर 'वोट चोरी से ब्लॉक चोरी' की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि निर्णय वापस न होने पर ब्लॉक अध्यक्ष कोर्ट जाएंगे और आंदोलन होगा।

    कांग्रेस ने भी इस फैसले को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए मोर्चा खोला है। पीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूत किया गया था, लेकिन राज्य सरकार इसका उल्लंघन कर रही है। कांग्रेस विधायक सी.एस. राजन एक्का ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाने की घोषणा की।

    पंचायतीराज मंत्री रवि नारायण नायक ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने यह बदलाव जनता की सुविधा और विकास की दृष्टि से किया है। उन्होंने दावा किया कि 2036 और 2047 तक ओडिशा देश में अग्रणी राज्यों में होगा।

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