Odisha News: राजस्व निरीक्षक के प्रमोशन को होईकोर्ट ने किया रद, अब आगे क्या?
ओडिशा हाईकोर्ट ने राजस्व निरीक्षक पद पर पदोन्नति में वरिष्ठता की अनदेखी के मामले में हस्तक्षेप किया है। कोर्ट ने केन्दुझर जिले में जारी पदोन्नति आदेश को रद्द कर दिया है और पदोन्नत कर्मियों को पूर्व पद पर वापस भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने विभागीय पदोन्नति समिति को पुनर्विचार करने और तीन महीने के भीतर नई पदोन्नति सूची जारी करने का निर्देश दिया है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। वरिष्ठता की अनदेखी कर राजस्व निरीक्षक (आरआई) पद पर दी गई पदोन्नति को लेकर दायर याचिका पर ओडिशा हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है।
केन्दुझर ज़िले में 19 जनवरी 2019 को आरआई पद पर पदोन्नति के लिए जारी आदेश को हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। मामले के प्रतिवादी तथा पदोन्नति पाए कर्मियों को दोबारा पूर्व पद पर वापस भेजा जाएगा। हालांकि, इस अवधि में उन्हें मिली वेतन या अन्य वित्तीय लाभ की वसूली नहीं की जाएगी।
आरआई पद के लिए पदोन्नति प्रक्रिया को पुनर्विचार हेतु विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) बुलाने का निर्देश कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि सभी योग्य उम्मीदवारों की योग्यता, वरिष्ठता और पात्रता को डीपीसी को ध्यान में रखना होगा।
पुनर्विचार डीपीसी की रिपोर्ट के आधार पर नया पदोन्नति आदेश जारी किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया गया है। जस्टिस शशिकांत मिश्रा की अध्यक्षता में गठित खंडपीठ ने संजय कुमार पेरई और चार अन्य की याचिका पर सुनवाई कर यह फैसला दिया।
मामले के विवरण से पता चलता है कि याचिकाकर्ता वर्ष 2009 के नवंबर में सहायक आरआई और अमीन पद पर नियुक्त हुए थे। 6 सितंबर 2018 को केन्दुझर जिलाधीश द्वारा एआरआई और अमीनों की ग्रेडेशन सूची प्रकाशित की गई थी।
सभी याचिकाकर्ता विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके थे और पांच वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने के बाद आरआई पद पर पदोन्नति के योग्य हो चुके थे।
सभी याचिकाकर्ता आरक्षित वर्ग से थे, जबकि सामान्य वर्ग के लिए उपलब्ध आरआई पदों पर उन्हें पदोन्नति नहीं दी गई — बल्कि ग्रेडेशन सूची में उनसे नीचे स्थान पर रहे सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को पदोन्नति प्रदान की गई।
ओडिशा प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में दायर हुआ था मामला
वरिष्ठता और ओडिशा जिला राजस्व सेवा नियमावली, 1983 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ताओं ने 19 जनवरी 2019 के पदोन्नति आदेश को चुनौती देते हुए ओडिशा प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी।
ट्रिब्यूनल ने 21 जनवरी 2019 को अंतरिम आदेश में कहा था कि पदोन्नति का भविष्य मामले के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा। ट्रिब्यूनल के समाप्त होने के बाद यह मामला सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में स्थानांतरित हुआ। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राजीव रथ ने पैरवी की।

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