नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार हुआ ओडिशा पुलिस SI भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड शंकर प्रुष्टि, 2-25 लाख रुपए ली थी रिश्वत
ओडिशा पुलिस SI भर्ती घोटाले का मुख्य आरोपी शंकर प्रुष्टि नेपाल बॉर्डर पर गिरफ्तार हुआ। उस पर उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर भर्ती कराने का आरोप है, जिसमें उसने प्रत्येक उम्मीदवार से 2 से 25 लाख रुपए तक लिए थे। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है, ताकि घोटाले में शामिल अन्य लोगों का पता चल सके।
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ओडिशा पुलिस एसआई भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड शंकर प्रुष्टि। (फाइल फोटो)
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा घोटाले के मास्टरमाइंड शंकर प्रुष्टि को शनिवार को पुलिस ने नेपाल सीमा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। ओडिशा क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने लंबी निगरानी और तकनीकी ट्रैकिंग के बाद उसे दबोचा। आरोपी घोटाले के खुलासे के बाद नेपाल भागने की फिराक में था।
करोड़ों का भर्ती घोटाला, सैकड़ों अभ्यर्थी बने शिकार
जानकारी के अनुसार, शंकर प्रुष्टि ने अपने साथियों के साथ मिलकर ओडिशा पुलिस एसआई भर्ती परीक्षा में भारी गड़बड़ी की थी। आरोप है कि उसने अभ्यर्थियों से 2 से 25 लाख रुपये तक की रिश्वत वसूली थी।
बदले में चयन की गारंटी दी जाती थी। जांच में खुलासा हुआ है कि शंकर ने फर्जी ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों और कोचिंग संस्थानों का नेटवर्क तैयार कर रखा था, जहाँ से पेपर लीक और प्रशिक्षण के नाम पर पूरी साजिश रची गई थी।
परीक्षा स्थगित, 100 से ज्यादा गिरफ्तार
घोटाले के सामने आने के बाद 933 पदों के लिए होने वाली उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। अब तक 100 से अधिक लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें कई मध्यस्थ और तकनीकी सहयोगी शामिल हैं।
पुलिस ने ऐसे किया ट्रैक
क्राइम ब्रांच अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी शंकर प्रुष्टि लंबे समय से फरार चल रहा था। मोबाइल सर्विलांस और डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए उसकी लोकेशन नेपाल सीमा क्षेत्र में मिली। पुलिस टीम ने उत्तराखंड के रास्ते नेपाल जाने से पहले ही उसे पकड़ लिया।
सरकार ने मांगी सीबीआई जांच
राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सीबीआई जांच को सौंपने की सिफारिश की है। वहीं विपक्षी दलों ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
आगे की कार्रवाई
शंकर प्रुष्टि को रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस घोटाले की जड़ें ओडिशा के बाहर तक फैली हुई हैं।
युवाओं की मेहनत से खिलवाड़
इस पूरे प्रकरण ने राज्य में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। हजारों युवाओं की मेहनत और भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

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