मोंथा तूफान की तबाही में 8 घंटे में सड़क बहाल, CM माझी की 'जीरो मौत' मास्टरस्ट्रोक!
ओडिशा में मोंथा तूफान ने तबाही मचाई, पर मुख्यमंत्री माझी के नेतृत्व में प्रशासन ने तेज़ी से काम करते हुए सिर्फ़ 8 घंटे में सड़क को ठीक कर दिया। तूफान से कई जिलों में नुकसान हुआ, सड़कें बंद हो गईं। माझी ने अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य शुरू करने का आदेश दिया। प्रशासन ने तेज़ी से काम करके सड़क को फिर से खोल दिया, जिससे लोगों को राहत मिली। मुख्यमंत्री माझी ने आपदाओं में 'जीरो मौत' का लक्ष्य रखा है।

मोंथा तूफान की तबाही में 8 घंटे में सड़क बहाल
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। एक बार फिर अद्भुत तैयारी और त्वरित आपदा प्रबंधन का उदाहरण पेश करते हुए, गजपति जिले में लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के बाद सिर्फ कुछ घंटों में सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया।
चक्रवात ‘मोंथा’ से जुड़ी भारी बारिश के कारण मंगलवार को हुए इस भूस्खलन ने आर. उदयगिरि ब्लॉक के रामगिरी–बड़गांव घाट मार्ग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया था, जिससे पांच गांवों का संपर्क कट गया और गंजाम जिले से मुख्य मार्ग बंद हो गया था।
मुख्यमंत्री मोहन चारण माझी लगातार चक्रवात की गतिविधि पर नजर बनाए रखने के साथ ही स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यालय जीरो कैजुअल्टी पर फोकस रखने के लिए अधिकारियों से लगातार संपर्क में रहे।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही बुधवार को बारिश कम हुई, गजपति जिला प्रशासन ने एक समन्वित राहत और सफाई अभियान शुरू किया। एनडीआरएफ, पुलिस और प्रशासनिक टीमों की मदद से भारी बोल्डरों और मलबे को नियंत्रित विस्फोट (कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग) और दो जेसीबी मशीनों की मदद से हटाया गया। आठ घंटे की लगातार मेहनत के बाद रामगिरी–बड़ागांव घाट मार्ग को फिर से वाहनों के लिए खोल दिया गया।
प्रशासन ने सुनिश्चित की सुचारू सफाई प्रक्रिया
सूत्रों के अनुसार, राहत दल में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम), ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ), तहसीलदार, ग्रामीण विकास एवं निर्माण (पुर्त) विभागों के अभियंता और मशीन ऑपरेटर, एनडीआरएफ का एक दल और जिला पुलिस कर्मी शामिल थे।
बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए नियंत्रित विस्फोट का उपयोग किया गया, जिसके बाद मलबा हटाने का काम जेसीबी मशीनों की मदद से किया गया। आठ घंटे के भीतर मार्ग को पूरी तरह साफ कर यातायात के लिए खोल दिया गया।
चक्रवात ‘मोंथा’ का ओडिशा पर प्रभाव
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बुधवार को बताया कि चक्रवात ‘मोंथा’ और उससे जुड़ी वर्षा पट्टियों से राज्य के 33 ब्लॉक और 11 शहरी क्षेत्रों पर असर पड़ा है।
सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात के आने से पहले ही 19,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राहत और आपात कार्यों के लिए राज्य में 161 प्रतिक्रिया दल (रेस्पॉन्स टीम) तैनात किए गए और 362 निःशुल्क रसोई घर चलाए गए, जिनमें करीब 18,700 लोगों को पका हुआ भोजन प्रदान किया गया।
सरकार ने कहा है कि 31 अक्टूबर तक राज्य अलर्ट पर रहेगा, क्योंकि कुछ जिलों में रुक-रुक कर बारिश जारी रहने की संभावना है।

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