4 घंटे बाद टिन के बक्से से छात्र के बरामद होने की घटना, छात्रावास के प्रभार से हटाई गई शिक्षिका
राउरकेला में एक छात्रावास में तीसरी कक्षा के छात्र को टिन के बक्से में बंद पाया गया। प्रशासन ने लापरवाही बरतने के आरोप में छात्रावास प्रभारी शिक्षिका मीना किसान को पद से हटा दिया है। घटना के बाद स्कूल में बैठक हुई और जांच के आदेश दिए गए। अधिकारियों ने पाया कि शिक्षिका स्कूल में रुके बिना कुचिंडा से आती-जाती थी जिससे छात्रों की सुरक्षा खतरे में थी।

जागरण संवाददाता, राउरकेला। छात्रावास के कक्षा तीन के छात्र को चार घंटे बाद टिन के बक्से से बरामद किए जाने की घटना को प्रशासन व शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में छात्रावास की प्रभारी शिक्षिका मीना किसान को प्रभार से हटा दिया गया है। शुक्रवार को सुंदरगढ़ जिले के गुरुंडिया ब्लॉक के अंतर्गत जर्डा सरकारी नोडल हाई स्कूल के कक्षा तीन के छात्र स्वास्तिक किसान को गंभीर हालत में बचाया गया था।
घटना सुबह 10 बजे से पहले छात्रावास में कक्षा तीन के दो छात्रों के बीच हुए झगड़े के बाद हुई थी। झगड़े के बाद, एक छात्र कक्षा में लौट आया, जबकि दूसरा लापता हो गया। कक्षा शिक्षक ने हाजिरी के दौरान लड़के की अनुपस्थिति देखी और उसके सहपाठियों से पूछताछ करने के बाद उसकी तलाश शुरू की, लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी जब छात्र नहीं मिला तो शिक्षकों ने उसके परिवार को सूचित किया।
सूचना पाकर उसकी मां स्कूल पहुंची थी। सभी बच्चों को तलाश रहे थे कि दो शिक्षकों को छात्रावास के कमरे में एक टिन के बक्से से आती आवाजें सुनाई दी। बक्से को खोला तो लापता छात्र को अंदर फंसा हुआ पाया। लड़के ने खुलासा किया कि उसके रूममेट ने उसे बक्से में बंद कर दिया था।
बचाव के बाद लड़के की मां उसे घर ले गई और स्कूल व छात्रावास प्रशासन पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य में घोर लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना पाकर गुरुंडिया पुलिस ने स्कूल पहुंचकर तलाशी ली।
8 साल से छात्रावास की जिम्मेदारी संभाल रही थी मीना
इस घटना के बाद शनिवार को स्कूल में एक बैठक हुई। चर्चा के बाद प्रधानाध्यापक गंगाधर सेठ ने छात्रावास की प्रभारी मीना किशन को उनकी जिम्मेदारियों में लापरवाही का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया।
जानकारी होने पर रविवार को बणई आदिवासी विकास एजेंसी के परियोजना प्रशासक, बीडीओ गुरुंडिया और जिला कल्याण अधिकारी ने स्कूल पहुंचकर मामले की जांच की। पाया कि छात्रावास की प्रभारी शिक्षिका मीना किसान स्कूल में रुके बिना कुचिंडा से आना जाना करती थीं।
अभिभावक शिक्षिका के भरोसे बच्चे को छात्रावास में छोड़ देते थे। मीना पिछले 8 वर्षों से स्कूल छात्रावास के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी संभाल रही थीं। इससे पहले छात्रावास के छात्रों ने शिक्षका के नाम पर शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
रविवार को प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।प्रधानाध्यापक के जवाब की समीक्षा के बाद यदि आवश्यक हुआ तो आगे की जांच की जाएगी और घटना के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। - भगवान बांकिरा, बीईओ (प्रभारी)
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।