ओडिशा की विशाखा टोपो ने रचा इतिहास, बनी भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय आदिवासी बैडमिंटन खिलाड़ी
ओडिशा की 17 वर्षीय आदिवासी लड़की विशाखा टोपो ने बैडमिंटन में भारतीय दल में जगह बनाकर इतिहास रचा है। गुवाहाटी में होने वाली विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में वह मिक्स्ड डबल्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। विशाखा राउरकेला इस्पात संयंत्र में कार्यरत चारो टोपो और जयश्री टोपो की बेटी हैं। विशाखा का चयन साई रीजनल एकेडमी भुवनेश्वर में हुआ। उनका सपना ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतना है।

जागरण संवाददाता, राउरकेला। ओडिशा में आदिवासी खिलाड़ी की चर्चा होने पर तत्काल उसके परंपरागत खेल हॉकी, फुटबॉल या एथलेटिक्स से जुड़े होने की छवि उभरती है। ऐसे में एक 17 वर्षीय आदिवासी लड़की विशाखा टोपो ने अभिजात वर्ग का खेल माने जाने वाले बैडमिंटन में भारतीय दल में स्थान पाकर एक नया इतिहास रचा है।
अगले महीने 6 से 19 अक्टूबर के बीच गुवाहाटी में आयोजित होने वाले विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप के लिए घोषित 25 सदस्सीय दल में विशाखा टोपो का चुनाव हुआ है। वह मिक्स्ड डबल्स में देश का प्रतिनिधित्व करेगी। इस चयन के साथ किसी भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली वह पहली आदिवासी खिलाड़ी बन गई है।
राउरकेला इस्पात संयंत्र में कार्यरत चारो टोपो और जयश्री टोपो के घर 25 सितंबर, 2007 को जन्मी विशाखा तीन बहनों में सबसे छोटी है। जुनून की हद तक खेलों (विशेषकर बैडमिंटन) से प्रेम करने वाले चारो टोपो ने अपनी तीनों बेटियों को खिलाड़ी बनने को प्रेरित किया।
विशाखा बताती है- हमारे पिता ने हम बहनों को खेल के मैदान तक पहुंचाने के लिए अथक परिश्रम और त्याग किया। वे ड्यूटी से लौटकर आधी रात तक भी मेरे साथ बैडमिंटन खेला करते थे।
विशाखा में बैडमिंटन प्रतिभा की पहचान के बाद पिता ने बेहतर प्रशिक्षण के लिए उसे सेक्टर-9 स्थित बैडमिंटन प्रशिक्षण केंद्र में दाखिल कराया जहां कोच मोहम्मद हासिम से उसने खेल की बारीकियां सीखीं। 12 वर्ष की उम्र में ही विशाखा ने राज्य की 13 वर्ष आयु वर्ग की चैम्पियन बनकर अपने पिता के विश्वास को सही सिद्ध कर दिया।
विशाखा टोपो एक तेज-तर्रार, युवा और ऊर्जावान बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, उसमें सपनों को सच करने का अदम्य उत्साह साफ झलकता है। 2020 में उसका चयन साई रीजनल एकेडमी, भुवनेश्वर में हुआ और इसके बाद 2023 में वह गुवाहाटी स्थित नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में चुन ली गई। भुबनेश्वर में साई एकेडमी में रहने के दौरान कोच दिलीप पंचाती ने बैक कोर्ट में उसकी कुशलता और मजबूत स्मैश शॉट को देखते हुए उसे सिंगल्स छोड़ कर डबल्स पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया।
कोच का यह सुझाव उसके लिए बहुत सही सिद्ध हुआ है। डबल्स में अपनी पार्टनर प्रगति परिडा के साथ उसने कई बड़ी प्रतियोगिताओं में सफलता दर्ज की है। आज जूनियर वर्ग के मिक्स्ड डबल्स में वह दूसरे रैंक की खिलाड़ी है। अबतक वह नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, नीदरलैंड और जर्मनी में कई रैंकिग प्रतियोगिताओं में भी भाग ले चुकी है। फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो से प्रेरणा लेने वाली विशाखा के बैडमिंटन में प्रिय खिलाड़ी जापानी जोड़ी चिहारू शिडा और नामी माटसुयामा हैं।
यह खेल महंगा है और अधिकतर संपन्न परिवार के खिलाड़ी इसमें आते हैं, लेकिन मैं चाहती हूं कि मेरी सफलता यह साबित करे कि मेहनत और लगन से संसाधनों की कमी को मात दी जा सकती है। देश की ओर से खेलना गर्व की बात है। पर मैं परिणाम में विश्वास करती हूं। मेरा सपना ओलंपिक में भारत के लिए लिए पदक जीतना है। - विशाखा टोपो, बैडमिंटन खिलाड़ी, राउरकेला
करियर की मुख्य उपलब्धियां
- सितंबर 2019- अंडर 13 की ओडिशा चैंपियन बनी
- 2023 अंडर 19 डबल्स , कांस्य
- कोलकाता में पूर्वी क्षेत्र - स्वर्ण
- हैदराबाद राष्ट्रीय सब जूनियर 2 कांस्य पदक
- उदयपुर अंडर 19 रैंकिंग टूर्नामेंट डबल्स रजत
- 2024 चेन्नई छठी खेलो इंडिया रजत पदक
- 2024 गया में पूर्वी क्षेत्र स्वर्ण
- 2024 भुवनेश्वर 47वीं जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता, मिक्स्ड डबल्स में स्वर्ण
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