पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एकता की नजरें गोल्ड पर, घरेलू मैदान पर खेलने को लेकर कही ये बात
एशियाई पैरा खेलों 2018 में स्वर्ण पदक विजेता एकता भयान का लक्ष्य अब विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतना है। 26 सितंबर से नई दिल्ली में शुरू होने वाली इस प्रतियोगिता के लिए वह कड़ी मेहनत कर रही हैं। हरियाणा पुलिस में कार्यरत एकता पहले भी विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुकी हैं।

शेखर झा, नई दिल्ली: एशियाई पैरा खेलों 2018 में स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकीं हरियाणा की एथलीट एकता भयान का अगला लक्ष्य विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतना है। नई दिल्ली में 26 सितंबर से शुरू होने वाली इस प्रतियोगिता को लेकर वह लगातार कड़ी मेहनत कर रही हैं।
हरियाणा के पुलिस विभाग में पदस्थ एकता विश्व चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीत चुकी हैं। वह क्लब थ्रो और डिस्कस थ्रो में प्रतिस्पर्धा करती हैं। टोक्यो पैरालपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एकता ने बताया कि इस प्रतियोगिता को लेकर हम बहुत उत्साहित है, क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का इतना बड़ा खेल हमारे देश में करवाया जा रहा है। घरेलू मैदान पर प्रदर्शन करना गर्व की बात है। मेरी तैयारी बहुत बढि़या है। मैं मानसिक तौर से बहुत कान्फिडेंट फील कर रही हूं और अपनी ट्रेनिंग पर बहुत स्किल और स्ट्रेंथ पर काम कर रही हूं।"
'इतिहास को दोहराना चाहूंगी'
एकता ने कहा, "पिछली दो वर्ल्ड चैंपियनशिप के इतिहास को मैं दोहराना चाहूंगी और हमारे देश के लिए मेडल लेकर आऊंगी। मैं इवेंट को सिर्फ एक प्रतियोगिता के रूप में नहीं देख रही, बल्कि इसे पैरा -खेलों को बढ़ावा देने, लोगों की सोच बदलने और भविष्य में बड़े आयोजनों की मेजबानी हेतु अवसर के रूप में देख रही हूं।
वहीं, खेल और नौकरी को संतुलित करने पर उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन धीरे-धीरे आत्मविश्वास बढ़ा और संतुलन बन गया। उन्होंने कहा कि मेरे विभाग से भी पूरा सहयोग मिलता है। विश्व चैंपियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए छुट्टी मिल जाती है, बाकी समय मैं ऑफिस भी जाती हूं।
पैरा खिलाड़ियों की स्तिति पर कही ये बात
पैरा खिलाड़ियों की स्थिति पर एकता ने कहा कि रियो ओलंपिक के बाद से हालात बदले हैं। पहले पैरा एथलीटों को ज्यादा महत्व नहीं मिलता था, लेकिन अब स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पैरा और सामान्य खिलाड़ियों के साथ समान व्यवहार करती है, लेकिन राज्यों में अब भी सुधार की आवश्यकता है। सभी राज्यों को भी भारत सरकार की तरह खेल नीति बनानी चाहिए।
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