Fide Women's World Cup Prize Money: जीत के साथ ही मालामाल हुईं Divya Deshmukh, ग्रैंडमास्टर बनते ही लग गई लॉटरी
FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में सोमवार को 19 साल की दिव्या देशमुख ने हमवतन 38 साल की कोनेरू हंपी को शिकस्त दी। फाइनल में दोनों भारतीय स्टार के बीच जोरदार जंग देखने का मिली। शनिवार और रविवार को खेले गए दोनों क्लासिकल गेम्स ड्रॉ रहे थे। ऐसे में सोमवार को रैपिड टाईब्रेकर में मुकाबले का रिजल्ट निकला।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शतरंज के इतिहास में सोमवार को एक नया चैप्टर जुड़ गया। FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में 19 साल की दिव्या देशमुख ने हमवतन कोनेरू हंपी को शिकस्त दी। फाइनल में दोनों भारतीय स्टार के बीच जोरदार जंग देखने का मिली। शनिवार और रविवार को खेले गए दोनों क्लासिकल गेम्स ड्रॉ रहे थे। ऐसे में सोमवार को रैपिड टाईब्रेकर में मुकाबले का रिजल्ट निकला।
हम्पी को 1.5-0.5 से हराकर दिव्या देशमुख शतरंज विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। इतना ही नहीं वह भारत की 88वीं और चौथी महिला ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। शतरंज की दुनिया में हर खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर बनने का सपना बुनता है। दिव्या का यह सपना अब हकीकत में बदल चुका है। दिव्या की जीत के बाद फैंस के मन में सवाल उठने लगा है कि उन्हें कितनी प्राइस मनी मिलेगी।
🇮🇳 Divya Deshmukh, just 19 years old, is the Winner of the 2025 FIDE Women’s World Cup! 🏆
With this incredible victory, she:
✨ Becomes a Grandmaster
✨ Secures a spot at the next Women’s Candidates#FIDEWorldCup @DivyaDeshmukh05 pic.twitter.com/fNlkRrzvr1
— International Chess Federation (@FIDE_chess) July 28, 2025
FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में विजेता को 50,000 अमेरिकी डालर (लगभग 43 लाख रुपये) और दूसरे स्थान पर रहने वाले को 35,000 अमेरिकी डालर (लगभग 30 लाख रुपये) मिलेंगे। ऐसे में दिव्या को करीब 43 लाख रुपये मिलने वाले हैं। वहीं हंपी के खाते में 30 लाख रुपये आएंगे।
FIDE विमेंस वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब दो भारतीय फाइनल में आमने-सामने थे। हंपी और देशमुख ने फाइनल में पहुंचते ही अगले साल होने वाले महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट का टिकट भी कटा लिया है। हंपी को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। उन्हें बड़े मुकाबलों में खेलने का अनुभव था।
हालांकि, शतरंज की बिसात पर हंपी का अनुभव काम नहीं आया। हंपी ने गुरुवार को सेमीफाइनल में चीन की टिंगजी लेई को टाईब्रेकर में हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। वहीं दिव्या देशमुख ने अंतिम-चार चरण के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की ही झोंगयी टैन को हराया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।