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    Commonwealth Championship में छत्तीसगढ़ की ज्ञानेश्वरी ने जीता स्वर्ण, Mirabai Chanu को चाहती हैं पछाड़ना

    By Jagran NewsEdited By: Geetika Sharma
    Updated: Thu, 13 Jul 2023 08:49 AM (IST)

    India won gold medal in Commonwealth Championship छत्तीसगढ़ के भोंडिया गांव की रहने वाली ज्ञानेश्वरी ने बुधवार को यहां राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में 178 किग्रा (78 किग्रा और 98 किग्रा) के कुल प्रयास के साथ 49 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। ज्ञानेश्वरी प्रतिस्पर्धा में मीराबाई चानू को हराने का सपना देखती हैं। मीराबाई से पहली बार मुलाकात को बयां करने के लिए ज्ञानेश्वरी के पास शब्द नहीं थे।

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    Gyaneshwari of Chhattisgarh won gold in Commonwealth Championship. Image Twitter

    ग्रेटर नोएडा, प्रिंट्र। मीराबाई चानू कई खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, लेकिन ज्ञानेश्वरी देवी के लिए वह प्रतिस्पर्धी भी हैं और यह प्रतिभाशाली भारोत्तोलक टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता की तरह सफलता हासिल करने का ही नहीं बल्कि प्रतिस्पर्धा में उन्हें पीछे छोड़ने का भी सपना देखती हैं।

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    जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में लेंगी हिस्सा-

    ज्ञानेश्वरी भी मीराबाई की तरह 49 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करती हैं। पिछले वर्ष रैंकिंग सीरीज में 20 वर्ष की यह खिलाड़ी पूर्व विश्व चैंपियन मीराबाई के बाद दूसरे स्थान पर रही थीं। ज्ञानेश्वरी इस महीने जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी, लेकिन वह एशियाई खेलों में भाग लेने से चूक गईं, जहां मीराबाई 49 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

    जीता गोल्ड मेंडल-

    ज्ञानेश्वरी ने कहा कि इस बार एशियाई खेलों में मीरा दीदी वहां हैं, लेकिन अगले सत्र में मैं निश्चित रूप से वहां रहूंगी।' छत्तीसगढ़ के भोंडिया गांव की रहने वाली ज्ञानेश्वरी ने बुधवार को यहां राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में 178 किग्रा (78 किग्रा और 98 किग्रा) के कुल प्रयास के साथ 49 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता।

    मीराबाई चानू को हराने का सपना-

    ज्ञानेश्वरी ने कहा कि मीरा दीदी मेरी प्रेरणा हैं और वह प्रतिस्पर्धी भी हैं (49 किग्रा वर्ग में)। इसलिए मुझे हमेशा से यकीन है कि एक दिन मैं उन्हें पीछे छोड़ दूंगी। उन्हें प्रतिस्पर्धा करते हुए देखना काफी प्रेरणादायी है। उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में विश्व रिकार्ड बनाया है और मैं भी ऐसा ही करना चाहती हूं।'

    मीराबाई चानू से मुलाकात को किा बयां-

    ज्ञानेश्वरी के पास अपनी आदर्श मीराबाई से पहली बार मुलाकात को बयां करने के लिए 2022 जूनियर विश्व चैंपियनशिप की सिलवर मेडल विजेता के पास शब्द नहीं थे। उन्होंने कहा कि मैं 2021 में एनआइएस पटियाला में शिविर में उनसे मिली। यह ओलंपिक के बाद की बात है। उन्हें देखकर मुझे बेहद खुशी हुई। मैं उनसे गले मिली और फिर उनसे बात की। यह अनुभवी अविश्वसनीय था। मैं इससे शब्दों में बयां नहीं कर सकती।'

    ओलंपिक में रचना चाहती हैं इतिहास-

    ज्ञानेश्वरी मीराबाई के साथ एनआइएस पटियाला में प्रशिक्षण लेती हैं। मीराबाई अभी अमेरिका के सेंट लुई 65 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा, 'अब, मैं उनसे हर दिन मिलती हूं और वह हमेशा मुझसे बहुत अच्छे से मिलती हैं। मैंने उन्हें ट्रेनिंग करते हुए, उनके पेशेवरपन और समर्पण को देखकर बहुत कुछ सीखा है। वह भारतीय भारोत्तोलन को ओलंपिक स्तर तक ले गईं और यह बहुत बड़ी बात है। मैं भी ओलंपिक में अपने देश के लिए इतिहास बनाना चाहती हूं।'