भारतीय हॉकी टीम का लगातार छठी हार, मनप्रीत के ऐतिहासिक मैच में भी नहीं हुआ कमाल
प्रो हॉकी लीग में भारत की पुरुष टीम का सफर अच्छा नहीं चल रहा है। इस बार टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। ये हार उसे अपने स्टार खिलाड़ी मनप्रीत सिंह के 400वे इंटरनेशनल मैच में मिली है। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मैच में भारत पर हावी रही।

एंटवर्प, पीटीआई: एफआईएच प्रो हॉकी लीग में रविवार को भारतीय मिडफील्डर मनप्रीत सिंह के नाम 400वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की उपलब्धि दर्ज हुई, लेकिन भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से हार मिली। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 3-2 से हराया और यह भारत की प्रो हॉकी लीग में लगातार छठी हार है। ऑस्ट्रेलिया के लिए टिम ब्रांड ने चौथे, ब्लेक गोवर्स ने पांचवें और कूपर बर्नंस ने 18वें मिनट में गोल कर टीम की जीत पक्की की।
वहीं भारतीय टीम की ओर से संजय ने तीसरे और दिलप्रीत ने 36वें मिनट में गोल किया। भारतीय टीम ने तीसरे ही मिनट में गोल के साथ शानदार शुरुआत की, लेकिन अगले ही मिनट में ऑस्ट्रेलिया टीम के टिम ब्रांड ने गोल कर भारतीय टीम की लीड को खत्म कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया हुआ हावी
इसके बाद गोवर्स ने कुछ ही सेकेंड में दूसरा गोल कर ऑस्ट्रेलिया को बढ़त दिला दी। भारतीय टीम के गोलकीपर कृष्ण पाठक ने कुछ हद तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के आक्रमण को रोकने की कोशिश की। यह टूर्नामेंट के यूरोपीय चरण में अब तक किसी भी खेल में सबसे तेज 10 मिनट में से थे। पहले क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया टीम ने 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी और दूसरे क्वार्टर में 18वें मिनट में बर्नंस के गोल के साथ यह बढ़त 3-1 की हो गई। हालांकि दूसरे हाफ में 36वें मिनट में भारत की ओर से दिलप्रीत ने अभिषेक की मदद से शानदार गोल किया।
मनप्रीत सर्वाधिक मैच खेलने वाले दूसरे भारतीय
मनप्रीत सिंह भारत की ओर से सर्वाधिक मैच खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। पंजाब का यह 33 वर्षीय खिलाड़ी सर्वाधिक मैच के मामले में पूर्व कप्तान और हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की के 412 मैचों के रिकार्ड के निकट पहुंच गया है। इस उपलब्धि पर मनप्रीत ने भावुक होते हुए कहा कि उन्हें अब भी अपने पहले मैच का रोमांच याद है।
400 मैचों के साथ यहां पहुंचना कुछ ऐसा है, जो उन्होंने सोचा भी नहीं था। वह इस उपलब्धि को अपने उस हर कोच के साथ साझा करना चाहेंगे, जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया और हर उस टीम साथी के साथ, जो उनके साथ खड़ा रहा। इसके साथ ही हर वह प्रशंसक इसका हकदार है, जिसने उन पर तब विश्वास किया, जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।
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