Mann v Burpees: मन शर्मा ने विश्व की पहली 'बर्पी मैराथन की करी ऐतिहासिक शुरूआत, देखें VIDEO
Mann vs Burpees भारतीय एथलीट मन शर्मा ने नई दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में ‘मन बनाम बर्पीज’ नामक विश्व की पहली बर्पी मैराथन की शुरुआत कर इतिहास रच दिया। यह प्रयास वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा जिसमें वे 10 दिनों में 42.195 किमी दूरी केवल बर्पी ब्रॉड जंप्स से पूरी करेंगे।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क। भारतीय एथलीट और सामाजिक उद्देश्य के प्रति समर्पित साहसी मन शर्मा ने आज इतिहास रच दिया, जब उन्होंने आधिकारिक रूप से ‘मन बनाम बर्पीज’, विश्व की पहली बर्पी मैराथन की शुरुआत नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) स्टेडियम में की।
यह ऐतिहासिक प्रयास वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा, जिसमें मन शर्मा अगले दस दिनों में पूरी मैराथन दूरी 42.195 किलोमीटर को केवल बर्पी ब्रॉड जंप्स के माध्यम से पूरा करेंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. मनसुख एल. मांडविया, माननीय केंद्रीय मंत्री (युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय एवं श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा ध्वज दिखाकर किया गया।
'Mann v Burpees' का आगाज
यह आयोजन क्वेश्चन एसोसिएट्स द्वारा फिट इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त है। यह पहल न केवल शारीरिक सहनशक्ति की नई परिभाषा तय करेगी बल्कि ‘द वन फ्रेंड एनजीओ’ के माध्यम से भारत भर के वंचित बच्चों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए धन और जागरूकता बढ़ाने का भी एक अभियान है।
इस चुनौती का स्तर बेहद कठिन है- वर्तमान विश्व रिकॉर्ड केवल 5.1 किलोमीटर का है, जबकि मन शर्मा का लक्ष्य उसे लगभग आठ गुना बढ़ाकर पूरा करना है। इसके लिए उन्हें 400 मीटर के ट्रैक पर 106 लैप्स पूरे करने होंगे, और इस दौरान वे पूरे आयोजन के दौरान स्टेडियम परिसर में ही रहेंगे। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इस प्रयास को अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी एंड्यूरेंस (सहनशक्ति) अभियानों में से एक बताया है।
माननीय मंत्री डॉ. मनसुख एल. मांडविया ने इस अवसर पर कहा,
"आज एक असाधारण यात्रा की शुरुआत है। मन शर्मा केवल एक विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास नहीं कर रहे, बल्कि वे यह परिभाषित कर रहे हैं कि संकल्प और उद्देश्य वास्तव में क्या होते हैं। यह पहल हमारे देश के युवाओं की भावना का प्रतीक है- दृढ़, निडर और संवेदनशील। ‘मन बनाम बर्पीज’ यह दिखाता है कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि परिवर्तन का माध्यम है। पूरा देश मैन शर्मा के साथ खड़ा है, जब वे हर बर्पी के साथ बच्चों के सपनों और शिक्षा के लिए इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।"
कार्यक्रम की शुरुआत में अपने पहले लैप से पहले मन शर्मा ने कहा,
"यह वही क्षण है, जिसके लिए महीनों की मेहनत, तैयारी और उद्देश्य ने मुझे तैयार किया है। ‘मैन बनाम बर्पीज़’ केवल सहनशक्ति की परीक्षा नहीं है, यह यह साबित करने का प्रयास है कि जब आपका ‘क्यों’ मजबूत हो, तो कोई सपना बड़ा नहीं होता। हर बर्पी मैं उन बच्चों की उम्मीदों के लिए कर रहा हूं, जो एक बेहतर भविष्य के हकदार हैं। मैं खेल मंत्रालय, फिट इंडिया और इस यात्रा में सहयोग करने वाले सभी का आभारी हूं। यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है।"
मन शर्मा की कहानी हमेशा से दृढ़ता और उद्देश्य की रही है। इटली और स्पेन के प्रतिष्ठित फुटबॉल अकादमियों, पाओलो रॉसी अकादमीऔर रियल मैड्रिड फाउंडेशन कैंप में प्रशिक्षण लेने से लेकर चोटों और महामारी जैसी बाधाओं का सामना करने तक, उन्होंने हर चुनौती को प्रेरणा में बदला है।
उनके पिछले अभियानों में 100 किमी की रनिंग (बेघर लोगों के लिए), 29 घंटे की बर्पी चुनौती (बच्चों की शिक्षा के लिए), दिल्ली से आगरा तक 205 किमी की पैदल यात्रा (जागरूकता अभियान) और इंडोनेशिया के बाली की तीन सबसे ऊँची चोटियों पर चढ़ाई (आत्महत्या रोकथाम के लिए धन जुटाने हेतु) शामिल हैं- जो उनके उद्देश्यपूर्ण जीवन को दर्शाते हैं।
आज जब 'मैन बनाम बर्पीज' की शुरुआत हुई है, भारत खेल इतिहास के एक नए अध्याय का साक्षी बन रहा है जहां संकल्प मिलता है करुणा से, और सहनशक्ति बन जाती है परिवर्तन की प्रेरणा। इस आयोजन को कई प्रतिष्ठित सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है, जूनियर एज, भारत का प्रमुख बच्चों का समाचार पत्र, इस आयोजन का टाइटल स्पॉन्सर है, जबकि मसलब्लेज़ और ब्राउन शुगर इवेंट और मन को पोषण सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
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