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    जानें कौन हैं दिव्या देशमुख? ब्लिट्ज सेमीफाइनल में विश्व की नंबर 1 होउ यिफान को हराया; PM मोदी भी हुए मुरीद

    Updated: Thu, 19 Jun 2025 03:58 PM (IST)

    दिव्या देशमुख वैश्विक मंच पर धूम मचा रही हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें बधाई दी है। 18 साल की खिलाड़ी ने लंदन में आयोजित विश्व ब्लिट्ज ट ...और पढ़ें

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    दिव्या देशमुख को पीएम मोदी ने दी बधाई। इमेज- एक्‍स

    स्‍पोर्ट्स डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भारत की सबसे प्रतिभाशाली युवा शतरंज प्रतिभाओं में से एक दिव्या देशमुख वैश्विक मंच पर धूम मचा रही हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें बधाई दी है। 18 साल की खिलाड़ी ने लंदन में आयोजित विश्व ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप में चीनी दिग्गज और विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी होउ यिफान को हराकर शतरंज जगत को चौंका दिया।

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    WR शतरंज टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली यिफान ने राउंड-रॉबिन सेमीफाइनल मुकाबले के पहले चरण में दिव्या को हराया था, लेकिन दिव्या ने दूसरे चरण में जोरदार वापसी की। सफेद मोहरों से खेलते हुए उन्‍होंने शुरुआती लाभ का फायदा उठाया। उनकी इस उपलब्धि की जमकर तरीफ हो रही है।

    पीएम मोदी ने दी बधाई

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, "लंदन में वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दूसरे स्‍टेज के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर वन प्‍लेयर होउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई। उनकी सफलता उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। यह कई उभरते शतरंज प्‍लेयर्स को भी प्रेरित करती है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।"

    प्रधानमंत्री की इस पोस्‍ट पर दिव्या देशमुख ने रिप्‍लाई किया। उन्‍होंने लिखा, 'धन्यवाद आदरणीय, प्रधानमंत्री जी द्वारा मुझे सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत सम्मान और प्रोत्साहन की बात है।'

    कौन हैं दिव्या देशमुख?

    9 दिसंबर 2005 को नागपुर में जन्‍मी दिव्या देशमुख ने 5 साल की उम्र में शतरंज खेलना सीख लिया था। उनमे माता-पिता डॉक्‍टर हैं, जिनका नाम जितेंद्र और नम्रता है। उनकी बहन बैडमिंटन खेलती थीं। ऐसे में वह शुरू में इस खेल की ओर आकर्षित हुईं। उन्हें इस खेल से प्यार हो गया और जल्द ही वे आगे बढ़ गईं।

    उन्होंने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती, इसके बाद अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) श्रेणियों में विश्व युवा खिताब जीते। दिव्या जल्दी ही महिला FIDE मास्टर बन गईं और अक्टूबर 2021 तक उन्होंने महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) का खिताब हासिल कर लिया।

    उन्होंने बुडापेस्ट में 45वें शतरंज ओलंपियाड (2024) में भारत की टीम के गोल्‍ड मेडल में भी योगदान दिया और विश्व टीम रैपिड और ब्लिट्ज चैम्पियनशिप के ब्लिट्ज सेगमेंट में 2600 से अधिक प्रदर्शन रेटिंग प्राप्त करके व्यक्तिगत सम्मान अर्जित किया। आज तक उनके पास कई पदक हैं।

    ओलंपियाड में 3 गोल्‍ड, कई एशियाई और विश्व युवा खिताब। चेन्नई में शतरंज गुरुकुल में जीएम आरबी रमेश के तहत प्रशिक्षित दिव्या को उनकी तेज सामरिक दृष्टि, अडिग धैर्य और रचनात्मक प्रतिभा के लिए सराहा जाता है।

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