फिर साथ इकट्ठा हुआ पवार परिवार, युगेंद्र-तनिष्का की सगाई में शामिल हुए शरद-अजित पवार; सुप्रिया सुले भी आईं नजर
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन के बाद भी अजित पवार ने शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार और तनिष्ता कुलकर्णी की सगाई में भाग लिया। मुंबई में आयोजित इस समारोह में पवार परिवार की तीन पीढ़ियाँ एक साथ दिखाई दीं। सुप्रिया सुले ने जोड़े को बधाई दी। जुलाई 2023 में एनसीपी का विभाजन हो गया था जिसके बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अजित पवार गुट को मिला।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन के बाद कई बार ऐसे पल आए जब चाचा और भतीजा यानी अजीत पवार और शरद पवार ने एक दूसरे से मुलाकात की।
अजित पवार ने कई बार कहा है कि वो राजनीतिक घटनाओं का असर पारिवारिक रिश्तों पर नहीं पड़ने देते। इसी बीच अजीत पवार ने शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार और तनिष्ता कुलकर्णी की सगाई में शिरकत की। मुंबई में यह सगाई समारोह का आयोजन हुआ।
एक साथ दिखी पवार परिवार की तीन पीढ़ियां
शरद पवार और अजित पवार के अलावा, सुप्रिया सुले और रोहित पवार भी समारोह में शामिल हुए। सुप्रिया सुले ने इस अवसर पर जोड़े को शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की तस्वीरें पोस्ट कीं। उन्होंने एक्स पर लिखा, "तनिष्का और युगेंद्र, हार्दिक बधाई! आप दोनों को जीवन भर प्यार और खुशियों की शुभकामनाएं। कुलकर्णी परिवार को गर्मजोशी से भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद।"
Heartiest congratulations, Tanishka and Yugendra! Wishing you both a lifetime of love and happiness. 💕🎉
— Supriya Sule (@supriya_sule) August 3, 2025
Thank you to the Kulkarni family for the warm hospitality. pic.twitter.com/BTrfM2VBUJ
साल 2023 में दो हिस्सों में टूटी थी पार्टी
बता दें कि जुलाई 2023 में एनसीपी का विभाजन हो गया था। पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह घड़ी अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार के गुट को दे दिया गया है। जबकि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट का नाम राकांपा (शरदचंद्र पवार) रखा गया है।
2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले द्वारा अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराने के बाद बारामती में एक और पवार बनाम पवार मुकाबला देखने को मिला। वहीं, पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार के सामने चाचा शरद पवार ने बारामती सीट से अपने पोते युगेंद्र पवार को उतारा था। हालांकि, चुनाव में भतीजे को चाचा के सामने हार का सामना करना पड़ा।
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