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    क्या पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को किया गया हाउस अरेस्ट? गृहमंत्री अमित शाह ने बताया सच

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 12:20 PM (IST)

    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जगदीप धनखड़ को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि धनखड़ ने संवैधानिक पद पर रहते हुए सराहनीय कार्य किया। शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि धनखड़ ने निजी स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था। गृह मंत्री ने एएनआई को दिए साक्षात्कार में इन बातों का खुलासा किया साथ ही अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की।

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    जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर पहली बार बोले अमित शाह। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखी है। उन्होंने जगदीप धनखड़ को लेकर कई आलोचनाओं का जवाब भी दिया। शाह ने कहा कि जगदीप धनखड़ संवैधानिक पद पर थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अच्छा काम किया।

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    वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जहां तक जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की बात है, उन्होंने निजी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था। 

    जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर पहली बार बोले शाह? 

    गृह मंत्री ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने की अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जगदीप धनखड़ जी संवैधानिक पद पर बैठे थे और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान संविधान के अनुसार बेहतर काम किया।

    गृह मंत्री ने कहा कि जगदीप धनखड़ ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया। इसको ज्यादा खींचकर किसी दिशा में देखने की आवश्यकता नहीं है।

    शाह ने विपक्ष को दी नसीहत

    वहीं, जब कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा धनखड़ के नजरबंद होने के दावे के बारे में अमित शाह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सच और झूठ की व्याख्या केवल विपक्ष के बयानों पर निर्भर नहीं होनी चाहिए।

    अमित शाह ने कहा कि ऐसा लगता है कि सच और झूठ की आपकी व्याख्या विपक्ष की बातों पर आधारित है। हमें इस सब पर ज्यदा हंगामा नहीं करना चाहिए। धनखड़ एक संवैधानिक पद पर थे और उन्होंने संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस मुद्दे पर ज्यादा विचार-विमर्श नहीं करना चाहिए।

    विपक्ष के दावे को गृहमंत्री ने किया खारिज

    गौरतलब है कि अमित शाह की यह टिप्पणी टिप्पणी विपक्षी नेताओं द्वारा अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाने के बाद आई है। विपक्षी नेताओं ने दावा करते हुए कहा था कि सरकार ने धनखड़ को चुप करा दिया है। हाल के दिनों में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ-साथ उन्हें चुप कराने की भी बात कही गई है।

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