Vice President Election: राधाकृष्णन के सामने सुदर्शन... चंद्रबाबू, जगन और KCR की बढ़ाई दुविधा, अब क्या करेगी BJP?
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के मुकाबले रेड्डी को उतारकर विपक्ष ने दक्षिण बनाम दक्षिण की स्थिति बना दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे वैचारिक लड़ाई बताया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी आइएनडीआइए ने गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का अपना साझा उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर इस चुनाव सियासी विमर्श और समीकरणों को दिलचस्प बना दिया है।
तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन को एनडीए उम्मीदवार बना कर द्रमुक को फंसाने के भाजपा के दांव के जवाब में विपक्ष ने आंध्रप्रदेश-तेलंगाना से जुड़े रेड्डी की उम्मीदवारी की गुगली से एनडीए के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू की तेलगुदेशम, जगनमोहन रेडडी की वाईएसआर कांग्रेस और चंद्रशेखर राव की बीआरएस को घेरेने की चाल चल दी है।
राधाकृष्णन के मुकाबले बी. सुदर्शन रेड्डी
राधाकृष्णन के मुकाबले विपक्ष के रेड्डी को उतारने के साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव अब सीधे तौर पर दक्षिण बनाम दक्षिण बन गया है। विपक्षी उम्मीदवार घोषित होने के कुछ घंटे बाद ही सोमवार शाम सुदर्शन रेड्डी राजधानी दिल्ली पहुंच गए और मंगलवार दोपहर एक बजे आइएनडीआइए के सभी सांसदों के साथ उनकी बैठक होगी तथा 21 अगस्त को उनका नामांकन होगा।
बी सुदर्शन रेड्डी को विपक्ष ने बनाया उम्मीदवार
विपक्षी दलों की बैठक के बाद घटक दलों के नेताओं की मौजूदगी में बी सुदर्शन रेड्डी को आइएनडीआइए का साझा उम्मीदवार बनाने की घोषणा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वसम्मति से नाम तय होने पर खुशी जताई। कहा विपक्ष के सभी दल रेड्डी के नाम पर एकमत से सहमत हुए हैं और यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। लोकतंत्र और संविधान पर जब भी हमला होता है, विपक्षी दल एकजुट होकर उसके खिलाफ लड़ते हैं। इसलिए हमने इस चुनाव में एक अच्छे उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
उपराष्ट्रपति चुनाव एक वैचारिक लड़ाई- खरगे
खरगे ने उपराष्ट्रपति चुनाव को ''एक वैचारिक लड़ाई'' बताते हुए कहा कि विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं। उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बाद दिल्ली पहुंचे रेड्डी की विपक्षी दलों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने एयरपोर्ट पर जाकर गर्मजोशी से आगवानी की। उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा-राज्यसभा के सांसदों के आंकड़ों की कसौटी पर एनडीए उम्मीदवार के लिए चुनावी समीकरण चुनौतीपूर्ण नहीं है। मगर रेडडी के मैदान में आने से एनडीए तथा आइएनडीआइए के बीच प्रतीकों की राजनीति का दांव-पेंच बेहद रोचक हो गया है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में दक्षिण बनाम दक्षिण
राधाकृष्णन के जरिए भाजपा ने तमिलनाडु की सत्ताधारी द्रमुक के लिए एक तमिल उपराष्ट्रपति के निर्वाचन का विरोध करने के सियासी जाल में फंसाया है। 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसी धारणा स्टालिन को नुकसान न हो इसके मद्देनजर विपक्ष ने भी दक्षिण से ही उम्मीदवार का जवाबी दांव खेलने की रणनीति अपनाई है। सूत्रों के अनुसार स्टालिन ने तमिलनाडु से ही विपक्ष का उम्मीदवार बनाने की पैरोकारी की मगर कांग्रेस तथा टीएमसी ने इसकी बजाय भाजपा-एनडीए की जवाबी घेरेबंदी पर जोर दिया। इसके लिए जब जस्टिस सुदर्शन रेड्डी का नाम आया तो विपक्षी दलों ने एक सुर से हामी भरने में देर नहीं लगाई।
'तमिल सम्मान' बनाम 'तेलगू सम्मान'
'तमिल सम्मान' के जाल में द्रमुक को फंसाने की भाजपा की चली गई बाजी के जवाब में विपक्ष ने आंध्रप्रदेश में चंद्रबाबू, जगन और चंद्रशेखर राव को 'तेलगू सम्मान' की फांस से घेर चुनाव का एकतरफा बनाने के एनडीए के प्रयासों को रोक दिया है। जगनमोहन ने तो एनडीए प्रत्याशी के समर्थन का पहले ही एलान कर रखा है। रेड्डी का नाम आने के बाद उनका रूख देखना दिलचस्प होगा। तो पक्ष-विपक्ष दोनों खेमों से अलग चंद्रशेखर राव के लिए गैर राजनीतिक तेलगू शख्सियत की खिलाफत मुश्किल होगी।
चंद्रबाबू बेशक एनडीए के साथ हैं मगर अब तेलगू सम्मान के विपक्षी फांस से निकलने के लिए उनके सामने भी वैकल्पिक विमर्श गढ़ने की चुनौती रहेगी। उपराष्ट्रपति चुनाव को वैचारिक लड़ाई बता कर विपक्षी दलों ने सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी के सहारे भाजपा के तमिल सम्मान के नैरेटिव को काउंटर करने का दांव भी चला है। इसका साफ संदेश देते हुए कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि एनडीए के पास भाजपा-संघ से जुड़ा चेहरा है तो हमारा चेहरा सुप्रीम कोर्ट से आया है। वैसे रेड्डी की उम्मीदवारी आइएनडीआइए के घटक दलों के आपसी पसंद-नापसंद को साधने के लिए भी पूरी तरह मुफीद है।
रेड्डी के नाम पर विपक्ष की सहमति
तृणमूल कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी चुनाव में कांग्रेस के किसी चेहरे को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं थे। ऐसे में गैर विवादित छवि वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रेड्डी का नाम विपक्षी खेमे के सभी दलों के आपसी समन्वय तथा समीकरण को दुरूस्त रखने के लिए भी मुफीद है। तभी आइएनडीआइए से अलग हो चुकी आप ने भी रेड्डी के समर्थन का फैसला किया है। विपक्षी खेमे का मानना है कि रेड्डी की अराजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए बीजू जनता दल भी उनका समर्थन कर सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।