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    भाजपा की निगाहें कांग्रेस के दिग्गज अधीर रंजन पर, सुवेंदु अधिकारी ने बताया शक्तिशाली नेता

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा (विस) चुनाव को देखते हुए भाजपा की निगाहें प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर है। मालूम हो कि अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से अधीर बंगाल कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रहे हैं।भाजपा विधायक व बंगाल विस में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अधीर की प्रशंसा करते हुए उन्हें शक्तिशाली नेता बताया है।

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    भाजपा की निगाहें कांग्रेस के दिग्गज अधीर रंजन पर (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा (विस) चुनाव को देखते हुए भाजपा की निगाहें प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर है। मालूम हो कि अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से अधीर बंगाल कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रहे हैं।

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    भाजपा विधायक व बंगाल विस में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अधीर की प्रशंसा करते हुए उन्हें शक्तिशाली नेता बताया है। कहा कि कांग्रेस ममता बनर्जी की घोषित मित्र है। जिस दिन अधीर को बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाया गया था, उसी दिन सोनिया, राहुल व मल्लिकार्जुन खरगे ने संकेत दे दिए थे कि उनकी पार्टी बंगाल में तृणमूल के विरुद्ध नहीं लड़ेगी।

    प्रियरंजन दासमुंशी, सोमेन मित्रा, गनी खान चौधरी व प्रणब मुखर्जी के बाद तृणमूल के विरुद्ध लड़ने वाले अधीर शक्तिशाली नेता हैं। कांग्रेस के मन में अगर वास्तव में तृणमूल के विरुद्ध लड़ाई करने की इच्छा होती तो अधीर को पद से नहीं हटाया जाता।

    अधीर की ओर से सुवेंदु के बयान पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई है। सियासी विश्लेषकों ने बताया कि अधीर तृणमूल के धुर-विरोधी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के समय विरोधी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए में कांग्रेस व तृणमूल के शामिल होने के बावजूद बंगाल में ममता की पार्टी का जबरदस्त विरोध किया था।

    तृणमूल ने भी उन्हें बहरमपुर से हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उनके विरुद्ध खड़ा किया था।

     

    चुनाव हारने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने अधीर को अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह शुभंकर सरकार को जिम्मेदारी सौंपी थी, जिनका अब तक तृणमूल के विरुद्ध अधीर जितना आक्रामक रवैया देखने को नहीं मिला है। वहीं, अधीर भी बंगाल कांग्रेस की कार्यसूची में शामिल नहीं हो रहे हैं। ऐसे में भाजपा उन्हें अपने खेमे में लाने की जुगत में है।