'राहुल गांधी शतक से पांच हार दूर', बिहार चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार पर BJP ने कसा तंज
भाजपा ने राहुल गांधी पर 95 चुनावी हारों को लेकर तंज कसा और कहा कि वे हार के शतक से बस 5 कदम दूर हैं। पार्टी ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर कांग्रेस नेताओं के मतभेदों का भी उल्लेख किया। अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर उदासीन रहने का आरोप लगाया। उन्होंने ममता बनर्जी को एसआईआर का विरोध रोकने की सलाह दी।
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भाजपा का राहुल गांधी पर तंज (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा ने 95 चुनावी विफलताओं पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को घेरते हुए उन पर कटाक्ष किया कि पिछले दो दशक के दौरान करारी हार के शतक से वह केवल पांच हार दूर हैं। पार्टी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर बिहार के कांग्रेस नेताओं की राय और लोकसभा में विपक्ष के नेता के निर्णयों के बीच भारी अंतर को भी उल्लेखित किया।
भाजपा के आइटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में उनकी अक्षमता पर उठे सवाल पर राहुल गांधी ने संकेत दिया कि वह पार्टी के खराब प्रदर्शन से चिंतित नहीं हैं।
मालवीय ने लिखा कि राहुल गांधी के लिए 95 हार। तमाम लोग उन्हें 9 से 5 आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलनेवाले राजनेता कहेंगे। क्या चांदी का चम्मच लेकर पैदा होनेवाले वंशज का भारतीय संस्थानों पर हमला ध्यान भटकाने की रणनीति है? एसआइआर के मुद्दे पर बिहार कांग्रेस में उभरे मतभेदों पर भाजपा नेता ने कहा कि वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने राहुल गांधी के विरोध को पूरी तरह बकवास बताया था।
उन्होने उचित ही सवाल पूछा था कि अगर 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए तो वे लोग प्रदर्शन करने क्यों नहीं सामने आए। कांग्रेस, राजद या वामपंथी पार्टियों की तरफ से कोई आपत्ति कयों नहीं दर्ज कराई गई। अब ये स्वाभाविक है कि राहुल गांधी अवैध घुसपैठियों के समर्थन में अभियान चला रहे थे। उनमें से ज्यादातर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान थे।
ममता बनर्जी पर साधा निशाना
बंगाल पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए भाजपा के बंगाल सह-प्रभारी मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी को शकील अहमद के कथन से सीख लेते हुए एसआइआर का विरोध रोक देना चाहिए, जिसका उद्देश्य अनुपस्थित/स्थायी रूप से स्थानांतरित, मृत, गैर-भारतीय नागरिकों, नाबालिगों और पहले से पंजीकृत मतदाताओं को हटाना है।''
मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी के प्रतिरोध से केवल ये साबित होगा कि वह फर्जी और अवैध बांग्लादेशी मुस्लिमों और रोहिंग्या को मतदाता सूची में बनाए रखना चाहती हैं क्योंकि वह जानती हैं कि इसके बगैर वह जीत नहीं पाएंगी।
उन्होंने कहा कि बंगाल में गणना फार्म वितरित हो चुके हैं और ये सर्वविदित हो चुका है कि तृमूकां बीएलओ पर दबाव डाल रही है कि फर्जी, मृत और अवैध मतदाताओं को सूची में बनाए रखा जाए। मालवीय ने एसआइआर का विरोध करनेवाले लोगों को चेतावनी दी कि अवैध फार्म भरने या फर्जी दस्तावेज लगाने पर सालभर की जेल हो सकती है। बीएलओ को भी जांच से गुजरना पड़ेगा। तृमूकां के लिए अपने करियर और जीवन से खिलवाड़ न करें। अवैध मतदाताओं को चुपचाप खिसक लेना चाहिए। बिहार में महागठबंधन की हार से सीख लें। ममता बनर्जी आपको बचाने नहीं आएंगी।

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