क्या राहुल गांधी ने 'हाइड्रोजन बम' छोड़ दिया? चुनाव आयोग और BJP पर लगाए आरोप
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों और स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू (SIR) में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर अपना अभियान तेज कर दिया है। राहुल गांधी ने एक न्यूजलेटर जारी कर चुनाव आयोग और बीजेपी पर वोट चोरी के आरोप दोहराए हैं। उन्होंने कर्नाटक में फर्जी मतदाताओं और बिहार में वोट अधिकार यात्रा का जिक्र किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार में हुए विधानसभा चुनावों और स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू (SIR) प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को उजागर करने के लिए अपने अभियान को और तेज कर दिया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक न्यूजलेटर लॉन्च किया है। यह कदम उन्होंने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कथित 'मतदान में धांधली' के उनके आरोपों को दोहराते हुए उठाया है।
क्या लगाए आरोप?
कांग्रेस ने एक्स पर एक न्यूजलेटर जारी करने की जानकारी देते हुए लिखा, जिसमें गांधी की 'अटम बम' प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में बताया गया है, "विपक्ष के नेता राहुल गांधी का 'वोट चोरी' के खिलाफ अभियान यह दिखा रहा है कि चुनाव आयोग और बीजेपी कैसे मिलकर आपके वोट चुराकर चुनाव में धांधली कर रहे हैं।"
किस बात का किया गया जिक्र?
7 अगस्त को आयोजित अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल की महादेपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता हैं। न्यूजलेटर में बिहार में गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' को भी प्रमुखता से दिखाया गया है, जिसमें इंडी गठबंधन के सहयोगी बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव शामिल थे।
मल्लिकार्जुन खरगे ने शेयर किया पोस्ट
दिन की शुरुआत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग 'मतदान में धांधली के लिए बीजेपी का बैक-ऑफिस बन गया है?'
खरगे ने पोस्ट करते हुए कहा, "कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से पहले अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम बड़ी संख्या में काटे जाने की घटनाक्रम की पूरी जानकारी।"
खरगे ने कहा, "क्या अब चुनाव आयोग (ECI) बीजेपी का वोट चोरी का अड्डा बन गया है? घटनाक्रम को समझिए। मई 2023 के कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस ने अलंद विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाने का खुलासा किया था। फॉर्म 7 के फर्जी आवेदनों के जरिए हजारों मतदाताओं के अधिकारों से उन्हें वंचित कर दिया गया था।"
उन्होंने आगे कहा, "फरवरी 2023 में एक मामला दर्ज किया गया। जांच में 5,994 फर्जी आवेदन सामने आए यह वोटर फ्रॉड की बड़ी साजिश का स्पष्ट सबूत है। कांग्रेस सरकार ने फिर दोषियों को पकड़ने के लिए CID जांच का आदेश दिया।"
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- घुसपैठियों पर BJP और विपक्ष आमने-सामने, संबित पात्रा बोले- ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।