SIR में इन लोगों को नहीं देने होंगे कोई भी दस्तावेज, चुनाव आयोग ने कर दिया स्पष्ट; क्या आपका नाम भी शामिल?
चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की है। पुराने एसआईआर में नाम वाले लोगों को दस्तावेज नहीं देने होंगे, सिर्फ गणना फॉर्म भरना होगा। आयोग ने वेबसाइट पर विवरण डाला है, जहाँ नाम देखा जा सकता है। गणना फॉर्म में क्यूआर कोड होगा, जिससे ऑनलाइन जानकारी मिलेगी। 18 वर्ष के युवाओं को मतदाता बनाने का भी अभियान चलेगा। बीएलओ तीन बार घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन करेंगे।

इस बार गणना फार्म में बदलाव भी किया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में एसआईआर का एलान करने के साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि जिन लोगों या उनके माता-पिता के नाम पिछले एसआईआर में है, उन्हें एसआईआर के दौरान किसी तरह के कोई दस्तावेज नहीं देने है। उन्हें सिर्फ गणना फॉर्म भरना है।
इस बीच आयोग ने पिछले एसआईआर का पूरे देश भर का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है। आयोग के मुताबिक लोग इस वेबसाइट पर जाकर अपना नाम देख सकते है। यदि वे ऐसा नहीं कर पाते है, तो बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) नाम मिलान और उसे नए गणना फार्म के साथ जोड़ने का काम करेंगे।
गणना फॉर्म में भी किया गया बदलाव
चुनाव आयोग ने बिहार एसआईआर से सीख लेते हुए इस बार गणना फार्म में बदलाव भी किया है, जिसमें फार्म के साथ पुराने एसआईआर के ब्यौरे की जानकारी भी मांगी गई है। जिसे यदि मतदाता खुद भर सकते है नहीं तो बीएलओ को अनिवार्य रूप से भरना होगा। आयोग ने इस दौरान गणना फार्मों को क्यूआर कोड के साथ छापने का फैसला लिया है, ताकि यदि कोई चाहे तो उस क्यूआर को स्कैन करके आनलाइन भी पूरी जानकारी हासिल सकता है। इससे फार्म को लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी भी रूकेगी।
आयोग मंगलवार से जिन 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर शुरू करने जा रहा है, उन सभी राज्यों में गणना फार्म भराने के साथ ही 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके या करने वाले मतदाताओं को बनाने का भी काम किया जाएगा। यानी गणना फार्म और फार्म-6 इस बार साथ-साथ भराने का अभियान चलेगा। बिहार में आयोग ने गणना फार्म भराने के बाद नए मतदाताओं को बनाने के लिए अभियान शुरू किया था।
आयोग ने मतदाताओं के घर-घर सत्यापन अभियान को भी और पुख्ता बनाने के लिए कदम उठाए है। जिसमें किसी मतदाता के सत्यापन के लिए बीएलओ तीन बार घर-घर जाएगा। आयोग का मानना है कि हो सकता है कि पहली बार जब बीएलओ घर जाए तो मतदाता किसी काम से घर से बाहर हो। ऐसे में वह सत्यापन के दौरान तीन बार अलग-अलग समय पर मतदाता के घर जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले देश भर में एसआईआर 2002-2004 के बीच हुआ था।

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