'सबूत दें या देश से माफी मांगें', वोट चोरी के आरोपों पर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग सख्त
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को मतदाता सूचियों पर आरोपों के समर्थन में शपथ पत्र देने या माफी मांगने को कहा है। आयोग के अनुसार घोषणा पर हस्ताक्षर न करने का मतलब होगा कि वे अपने आरोपों पर दृढ़ नहीं हैं। वहीं कर्नाटक सरकार भी राहुल गांधी के दावे से असहज है क्योंकि वे जाति जनगणना के लिए मतदाता सूची पर निर्भर हैं।

एएनआई, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एक बार फिर चेतावनी दी है कि मतदाता सूचियों के संबंध में लगाए गए आरोपों के समर्थन में वे शपथ पत्र दें या झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगें।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक यदि राहुल गांधी घोषणा पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि वे अपने आरोपों के प्रति दृढ़ नहीं हैं। यदि वे अपने आरोपों में विश्वास करते हैं, तो उन्हें घोषणा पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के दावे पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार खुद असहज हो गई है क्योंकि महत्वपूर्ण जाति जनगणना नीति के लिए वे मतदाता सूची पर ही निर्भर हैं।
राहुल गांधी के खिलाफ CEC में दर्ज होगी शिकायत: जी परमेश्वर
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि राज्य की तरफ से केपीसीसी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तरफ से केंद्रीय चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई जाएगी। चुनाव आयोग जो चाहे कह सकता है, लेकिन हम नियमों के तहत ही काम करेंगे।
राहुल ने क्या कहा था राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनावों को 'कोरियोग्राफ' किया था।
उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस की हार का हवाला देते हुए कहा था कि पार्टी को 16 सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन वे केवल नौ सीटें ही जीत सके।
राहुल गांधी ने कहा था कि वोटों की चोरी पांच अलग-अलग तरीकों से की गई। इसमें डुप्लिकेट मतदाता, फर्जी और अमान्य पते, और एक ही पते पर एकत्रित मतदाता शामिल हैं। उन्होंने कहा था कि एक ही पते पर 50-60 लोगों के वोटर कार्ड पाए गए, जबकि वहां केवल एक ही परिवार रह रहा था।
बिहार में नौवें दिन भी किसी दल ने दर्ज नहीं कराई आपत्ति
बिहार में मतदाता सूची के मसौदे को प्रकाशित हुए 9 दिन से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन एक भी राजनीतिक दल चुनाव आयोग के सामने आपत्ति दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आया है। वहीं सूची में सुधार के लिए 7252 लोग आयोग से अपनी शिकायत कर चुके हैं।
आयोग के मुताबिक एक सितंबर तक आपत्तियां और दावे स्वीकार किए जाएंगे। ये मसौदा आयोग की तरफ से चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (सर) का हिस्सा है।
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