सोमवार को सदन में फिर हंगामे के आसार, SIR पर चर्चा की मांग; क्या है सरकार का प्लान?
संसद के मानसून सत्र में गतिरोध जारी है। सरकार लोकसभा में एक महत्वपूर्ण स्पोर्ट्स बिल पारित कराने पर जोर दे सकती है क्योंकि एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की मांग को सत्ताधारी गठबंधन से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। राज्यसभा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पारित कर सकती है। विपक्ष चुनाव आयोग पर मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप लगा रहा है।

पीटीआई, नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र जारी है और सदन में गतिरोध के बीच सोमवार (04 अगस्त, 2025) को सरकार लोकसभा में एक महत्वपूर्ण स्पोर्ट्स बिल को पारित कराने पर जोर दे सकती है, क्योंकि एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की मांग को सत्ताधारी गठबंधन की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
निचले सदन ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें खेल निकायों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता की बात कही गई है। इसके अलावा राज्यसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से छह महीने के लिए बढ़ाने संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को सोमवार को पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है।
मानसून सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही रही ठप
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर दोनों सदनों में दो दिनों की चर्चा को छोड़कर, 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसदीय कार्यवाही लगभग ठप्प रही है, क्योंकि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ने विपक्षी दलों के जोरदार विरोध को भड़का दिया है। लोकसभा में विचार और पारित होने के लिए सूचीबद्ध एक अन्य विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक है।
इस मुद्दे पर INDIA ब्लॉक एकजुट है और आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य मतदाताओं को हटाना और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए की संभावनाओं को बढ़ाना है। चुनाव आयोग ने कहा है कि वह मतदाता सूचियों की अखंडता की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रक्रिया लागू करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पात्र मतदाताओं को ही वोट डालने की अनुमति दी जाए।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर लगाया वोट चोरी का आरोप
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। वहीं, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इस आरोप को निराधार, अप्रमाणित और भ्रामक बताया और इसे खारिज कर दिया।
संसदीय कार्य मंत्री ने क्या कहा?
संसद में एसआईआर पर चर्चा की मांग पर सरकार की ओर से ध्यान न दिए जाने की वजह से विपक्ष संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहा है, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ रही है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि विपक्ष की मांग पर नियमों के अनुसार निर्णय लेना दोनों सदनों के अध्यक्ष का काम है।
हालांकि, उन्होंने हाल ही में बलराम जाखड़ के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सदन चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के कामकाज पर बहस नहीं कर सकता, जिससे यह पता चलता है कि सरकार विपक्ष की मांग नहीं मानने वाली है।
वहीं, एक प्रमुख सरकारी अधिकारी ने कहा कि अगर संसद में व्यवधान की वजह से एजेंडा बाधित होता रहा तो शोरगुल के बाद भी मुख्य विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करते रहेंगे। रिजिजू ने शुक्रवार को कहा था कि एसआईआर चुनाव आयोग के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है।
उन्होंने आगे कहा, "यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ऐसा कर रहा है। संसद चुनाव आयोग के प्रशासनिक कार्यों पर चर्चा कर सकती है या नहीं, यह नियमों के अनुसार अध्यक्ष को तय करना है।"
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