Jagdeep Dhankhar Resign: जगदीप धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा? उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के पीछे चल रहीं ये तीन थ्योरी
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी बताया है। विपक्ष इस इस्तीफे के पीछे किसी और वजह की आशंका जता रहा है। बिहार चुनाव न्यायपालिका से टकराव और राज्यसभा में हुई कुछ घटनाओं को भी इस्तीफे से जोड़कर देखा जा रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Jagdeep Dhankhar Resignation: जगदीप धनखड़ ने सोमवार को उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मानसून सत्र के पहले दिन ये फैसला किया। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। उनके इस्तीफे के बाद देश में सियासी हलचल तेज हो गई है।
इस बीच विपक्ष का कहना है कि मामला कुछ और है, जो साफ नजर नहीं आ रहा है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद तमाम अटकलें लगाई जाने लगी हैं। धनखड़ के अचानक पद छोड़ने के बाद कई प्रकार की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। आइए आपको तीन ऐसी चर्चाओं के बारे में बताते हैं, जिसको लेकर तमाम चर्चाओं का बाजार गर्म है...
इस्तीफे की टाइमिंग को लेकर उठने लगे सवाल
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मार्च से लेकर जुलाई के बीच में कई बार उनके बीमार होने और अस्पताल में भर्ती होने की खबरें सामने आईं।
हालांकि, मानसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया। एक विपक्षी दल के नेता ने दावा किया कि अगर उनको इस्तीफा देना ही था तो सत्र की शुरुआत में दे देते। सत्र के पहले दिन की शाम के क्यों दिया। वहीं, सोमवार शाम 4 बजे ही उपराष्ट्रपति सचिवालय की ओर से कहा गया कि इसी हफ्ते जगदीप धनखड़ जयपुर जाने वाले थे। तय कार्यक्रम के बीच में इस्तीफा देने के कारण ये रहस्य और गहरा गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ा है कनेक्शन?
इसी साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने को है। राज्य में जेडीयू और बीजेपी की गंठबंधन वाली सरकार है। हालांकि, बिहार में बीजेपी अपना पांव पसारने की कोशिश में है। राजनीतिक गलियारों में तो ये चर्चा भी की जाने लगी कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार का उपराष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, इस प्रकार की अटकलों पर नीतीश कुमार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अटकलों का बाजार तो उस वक्त गरमा गया, जब बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि अगर नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाया जाता है तो बिहार के लिए अच्छा होगा।
कहीं अपमान तो नहीं असली वजह?
वहीं, कुछ जानकारों का मानना है कि मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में जो घटनाएं घटीं, कही वह तो जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की मुख्य वजह नहीं? संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन जगदीप धनखड़ ने एक नोटिस स्वीकार किया था, जिसमें 60 से अधिक विपक्षी सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की मांग की थी।
इसके ठीक बाद राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की एक बैठक में जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू अनुपस्थित रहे। चूकि यह बैठक संसद की कार्यसूची तय करने के लिए काफी अहम मानी जाती है। हालांकि, बाद में नड्डा की ओर से बैठक में अनुपस्थित रहने पर सफाई भी सामने आई।
उन्होंने कहा कि दोनों मंत्री पहले से व्यस्त थे और इस संबंध में दोनों ने पहले से ही जगदीप धनखड़ को सूचित कर दिया था। बावजूद इसके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने नड्डा की इस टिप्पणी को भी अपमान करार दिया है।
क्या न्यायपालिका से टकराव बनी मुख्य वजह
वहीं, एक अन्य थ्योरी या अटकलें इसको लेकर के है कि जगदीप धनखड़ लगातार न्यायपालिका के खिलाफ तीखे बयान भी देते रहे हैं। उनके इन बयानों के कारण सरकार को भी कई बार असहजता महसूस हुई है। गत दिनों धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स कानून को रद किए जाने की निंदा की थी।
धनखड़ के बयानों के कारण कई बार केंद्र सरकार आलोचनाओं के घेरे में आ जाती थी। कई बार धनखड़ के किसी टिप्पणी के कारण भी विपक्ष को कुछ मुद्दे मिल जाते हैं।
हालांकि, इस्तीफे के पीछे जो भी वजह हो, संभव है कि जगदीप धनखड़ ने खराब स्वास्थ्य के कारण ही इस्तीफा देने का मन बनाया हो और खुद ये फैसला लिया हो।
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