महाराष्ट्र में 'मीट बैन' पर सियासी बवाल, AIMIM-NCP नेता की मटन-चिकन पार्टी; CM फडणवीस ने किया पलटवार
स्वतंत्रता दिवस पर महाराष्ट्र के ठाणे में मांस की दुकानें बंद करने के आदेश के खिलाफ विपक्षी दलों और मांस विक्रेताओं ने प्रदर्शन किया। कल्याण डोंबिवली नगर निगम मुख्यालय के बाहर हुए इस प्रदर्शन में AIMIM और NCP नेताओं ने मटन-चिकन पार्टी की और निगम के फैसले का विरोध किया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह फैसला 1988 से लागू है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कई विपक्षी पार्टियों और मांस विक्रेताओं के संघों के सदस्यों ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
ये सभी स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश का विरोध कर रहे थे। प्रदर्शनकारी जीवित मुर्गे और मुर्गियों को अपने हाथों में उठाए हुए थे। उन्होंने इस आदेश की निंदा करते हुए नारे लगाए।
AIMIM और NCP नेताओं की मटन-चिकन पार्टी
प्रशासन के आदेश का विरोध करते हुए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और शरद पवार की एनसीपी के नेताओं ने ऑन कैमरा मटन-चिकन पार्टी की। इस पार्टी के बाद नेताओं ने निगम प्रशासन के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि कोई क्या खाएगा और क्या नहीं यह उसका अधिकार है। इस देश में तानाशाही नहीं है।
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ता कल्याण क्षेत्र में केडीएमसी मुख्य कार्यालय के बाहर इस प्रदर्शन में शामिल हुए। केडीएमसी ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सभी मीट की दुकानें 14 अगस्त की मध्यरात्रि से 15 अगस्त की मध्यरात्रि तक 24 घंटे बंद रहेंगी।
CM फडणवीस का जवाब
हालांकि, इस फैसले के विरोध पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह निर्णय 1988 से राज्य में लागू है। राज्य सरकार ने कोई नया आदेश नहीं निकाला है। पिछली सरकारों का आदेश ही चला आ रहा है।
आदेश का उल्लंघन करने पर महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम, 1949 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। शुक्रवार सुबह से ही कल्याण में शिवाजी चौक और शंकरराव चौक के बीच भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया
प्रदर्शन शुरू होने से पहले पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। महाराष्ट्र में नागपुर, नासिक, मालेगांव और छत्रपति संभाजीनगर नगर निगमों ने भी इसी तरह के आदेश जारी किए हैं। इससे विवाद उत्पन्न हुआ है।
(समाचार एजेंसी PTI के इनुपट के साथ)
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