Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'हिंदू आतंकवादी होते हैं...', मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों के बरी होने पर कांग्रेस सांसद ने दिया बयान

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 02:26 PM (IST)

    मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए अदालत ने सभी सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता कोई भी मजहब हिंसा का समर्थन नहीं करता। कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही इसका अंदाजा था।

    Hero Image
    कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने गुरुवार को सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। ये फैसला करीब 17 साल के बाद आया है।

    कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। आदेश पढ़ते हुए अभय लहौटी ने कहा, "कोर्ट ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, क्योंकि कोई भी मजहब हिंसा की वकालत नहीं करता।"

    बता दें मालेगांव ब्लास्ट के बाद कांग्रेस ने इसे 'भगवा आतंकवाद' का नाम दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और सांसद रेणुका चौधरी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा, "ये तो हमें पता था कि ये होने वाला है। अक्लमंद को इशारा काफी है। कल गृहमंत्री के बयान के बाद ये तय था।"

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'हिंदू आतंकवादी होते हैं'

    गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिन राज्यसभा में कहा था कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता है। 

    कांग्रेस नेता ने कहा, "आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता। लेकिन मुसलमान आतंकवाद कहते हैं तो हिंदू आतंकवाद कहने की मजबूरी हो जाती है। मैं नहीं मानती कि हिंदू आतंकवादी नहीं होते हैं। हिंदू धर्म में कई लोग होते हैं। हर मजहब के आतंकवादी होते हैं।

    रेणुका चौधरी ने कहा, "क्या हम इतने नादान है जो एक मजहब को लेकर हम ऐसी बातें होती हैं। नक्सली कौन थे, वे कौन से मजहब के होते हैं। जिन्हें आपने कमरे में घुस कर कमरे में मारा। वो कौन से धर्म के होते हैं।"

    यह फैसला है न्याय नहीं है: इमरान प्रतापगढ़ी

    वहीं कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर कहा, "कांग्रेस पार्टी पहले दिन से यह बात कह रही है कि धर्म आतंकवाद का नहीं होता है। यह शब्द तत्कालीन गृह सचिव आर. के. सिंह ने गढ़ा था। उन्हें 10 सालों तक मंत्री और सांसद बनाकर भाजपा ने अपने साथ बैठाकर रखा था... यह फैसला है न्याय नहीं है..."

    सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी?: ओवैसी

    वहीं AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 17 साल बाद सभी आरोपी बरी हो गए। महाराष्ट्र सरकार 2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई। अगर वे सुप्रीम कोर्ट नहीं जाते तो क्या यह आतंकवाद पर पाखंड नहीं होगा? ब्लास्ट में मिलिट्री ग्रेड आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। यह कहां से आया?... इन बम धमाकों के लिए कौन जिम्मेदार है? जिन्होंने इसे अंजाम दिया, वे खुलेआम घूम रहे हैं। मेरा सवाल है कि क्या मोदी सरकार और महाराष्ट्र सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी?...

    जब मैं उनसे मिली तो मैं रोई...: उमा भारती

    मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती का भी बयान सामने आया है। उमा भारती ने ने कहा, "मैं इतनी खुश हूं कि मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। जब प्रज्ञा नासिक जेल में थीं, मुझे एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से पता चला कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था। मैं उनसे मिलने गई थी जब कोई और नहीं जाता था। जब मैं उनसे मिली तो मैं रोई... जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया, वह किसी भी महिला के लिए सहन करना बहुत मुश्किल है... मैं पूछना चाहती हूं कि पी. चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी, वामपंथी, समाजवादी और कांग्रेस के नेताओं को क्या सजा मिलनी चाहिए, जिन्होंने 'भगवा आतंक' शब्द को स्थापित करने की कोशिश की?... उनके खिलाफ असाधारण कार्रवाई की जानी चाहिए..."

    भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हिंदू आतंकवाद को देश के ऊपर जबरन थोपने का जो कांग्रेस पार्टी का षड्यंत्र था वह आज ध्वस्त हो गया... मालेगांव ब्लास्ट मामले में जो कोर्ट का फैसला आया है उसमें कहा गया है कि किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं था... कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाले कर्नल पुरोहित पर आरोप लगे। प्रज्ञा ठाकुर पर ब्लास्ट में अपनी मोटरसाइकिल इस्तेमाल करने का आरोप लगा। उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि उसके बाद वह चल भी नहीं सकती थीं। यह विशुद्ध वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस की साजिश थी... हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं..."

    कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर कहा, "पुलिस ने सभी कड़ियों को जोड़कर भेजा था तो ये सब किसने किया था... इसमें कोई दो राय नहीं है कि मालेगांव में ब्लास्ट हुआ था... आतंकवाद को हिंदू और मुसलमान में नहीं बाटा जा सकता है..."

    यह भी पढ़ें: 2008 में ब्लास्ट... 17 साल बाद साध्वी प्रज्ञा समेत सभी सात आरोपी बरी, मालेगांव विस्फोट मामले की ये है पूरी टाइमलाइन