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    'घबराएं नहीं कार्यकर्ता, मजबूती से करें आगे की तैयारी...', बिहार चुनाव के नतीजों पर बोलीं मायावती

    By Sanjay MishraEdited By: Deepak Gupta
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिहार विधानसभा चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव निष्पक्ष होते तो उनकी पार्टी और सीटें जीतती। मायावती ने विपक्षी दलों और प्रशासन पर बसपा उम्मीदवारों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने रामगढ़ में बसपा की जीत पर कार्यकर्ताओं को बधाई दी और भविष्य के लिए तैयार रहने को कहा।

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    मायावती। (फाइल)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिहार में हुए विधानसभा चुनाव की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाते हुए दावा किया कि अगर पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होता तो पार्टी राज्य में कई और सीटें जीत सकती थी।

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    बसपा प्रमुख ने विरोधी पार्टियों तथा राज्य प्रशासन पर उनके दल के उम्मीदवारों के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाते हुए अपने कार्यकर्ताओं को भविष्य के चुनावों के लिए सतर्क और सक्रिय रहने का आहृवान किया। बिहार चुनाव में बसपा को आश्चर्यजनक रूप से एक सीट पर मिली जीत से उत्साहित मायावती ने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने से लेकर विरोधियों पर निशाना साधा।

    रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा की जीत

    मायावती ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में राज्य के कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव को जीत दिलाने के लिए पार्टीजनों को बधाई देने के साथ उनका तहेदिल से आभार प्रकट करते हुए यह बात कही।

    उन्होंने कहा कि वोटों की गिनती बार-बार कराने के बहाने से वहां के प्रशासन तथा सभी विरोधी पार्टियों द्वारा एकजुट होकर बसपा उम्मीदवार को हराने का पूरा प्रयास किया गया किंतु पार्टी के बहादुर कार्यकर्ताओं के पूरे समय तक डटे रहने से विरोधियों का यह षडयंत्र सफल नहीं हो सका। इतना ही नहीं बल्कि बिहार के इस क्षेत्र की अन्य सीटों पर भी विरोधियों को कांटे की टक्कर देने के बावजूद बसपा उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सके।

    अगर चुनाव फ्री एंड फेयर होता तो और भी सीटें जीतते- मयावती

    मायावती ने दावा करते हुए कहा ''फीडबैक के अनुसार अगर चुनाव पूरी तरह से फ्री एंड फेयर होता तो बसपा और भी कई सीटें जरूर जीतती। लेकिन ऐसा नहीं हो सका, जिससे पार्टी के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि आगे और भी अधिक तैयारी के साथ काम करते रहने की जरूरत है।''

    चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाने के बावजूद बसपा प्रमुख ने यह नहीं बताया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष कैसे नहीं रहा।