वाराणसी में निर्वाचक नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) के सम्बन्ध में हुई बैठक
वाराणसी में निर्वाचक नामावली के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसका लक्ष्य नामावली को त्रुटि रहित बनाना है। नए मतदाताओं का पंजीकरण होगा और अयोग्य मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। अधिकारियों को निष्पक्ष पुनरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, और मतदाताओं को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

दस्तावेजों के रूप में 2003 की मतदाता सूची का साक्ष्य अपलोड करना होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिला निर्वाचन अधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देशानुसार, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी-वाराणसी कैण्ट, शिवानी सिंह की अध्यक्षता में निर्वाचक नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) के संबंध में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में कैण्ट विधानसभा के विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जनपद के सभी बूथों पर विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्य एक साथ प्रारंभ किया जाएगा।
390 कैण्ट विधानसभा क्षेत्र में सभी बी.एल.ओ. और सुपरवाइजर सक्रिय रहेंगे। घर-घर गणना की प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व सभी बी.एल.ओ. को पहचान पत्र, किट बैग, गणना प्रपत्र आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं से इस अभियान में सहयोग की अपील की गई है।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी-कैण्ट, शिवानी सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण से संबंधित तैयारियों, प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों का मुद्रण 28 अक्टूबर, 2025 से 03 नवंबर, 2025 तक किया जाएगा।
बी.एल.ओ. द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र उपलब्ध कराने की प्रक्रिया 04 नवंबर, 2025 से 04 दिसंबर, 2025 तक चलेगी। निर्वाचक नामावली का आलेख्य प्रकाशन 09 दिसंबर, 2025 को होगा। दावे और आपत्तियों के दाखिल करने की अवधि 09 दिसंबर, 2025 से 08 जनवरी, 2026 तक होगी। नोटिस जारी करने, सुनवाई एवं सत्यापन, दावे और आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया 09 दिसंबर, 2025 से 31 जनवरी, 2026 तक चलेगी। अंततः, निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 07 फरवरी, 2026 को किया जाएगा।
मतदाता सूची के प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, बी.एल.ओ. द्वारा घर-घर जाकर एनुमरेशन फार्म का वितरण किया जाएगा। इसके बाद मतदाता द्वारा फार्म भरकर बी.एल.ओ. को उपलब्ध कराया जाएगा। यदि किसी मतदाता का जन्म भारत में 01.07.1987 के पूर्व हुआ है और उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में है, तो उन्हें केवल एनुमरेशन फॉर्म भरवाना होगा और दस्तावेजों के रूप में 2003 की मतदाता सूची का साक्ष्य अपलोड करना होगा।

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