Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहां फंस रहा पेच? भाजपा नेता ने बताई अंदर की बात
बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनावी मैदान में एनडीए और महागठबंधन पूरी तरह तैयार है। लेकिन सीट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने महागठबंधन पर निशाना साधा है।

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहां फंस रहा पेच?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनावी मैदान में एनडीए और महागठबंधन पूरी तरह तैयार है। लेकिन सीट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने महागठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहा कि गठबंधन में स्पष्ट नीतियों, नेतृत्व और नीयत का अभाव है।
दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने महागठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की राजनीति हमेशा उधार की बैसाखियों पर टिकी रही है। बिहार में भी, वह सीटों पर दावा करने के लिए लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के पीछे छिप रहे हैं। कांग्रेस के लोग कभी किसी चुनाव या मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया और बिहार की जनता ऐसे गैर-जिम्मेदार नेताओं को कभी स्वीकार नहीं करेगी।
राहुल गांधी भारत को बदनाम करने में व्यस्त
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने आगे कहा कि महागठबंधन में नीतियों, नेतृत्व और सच्ची नीयत का अभाव है। राहुल गांधी विदेशों में भारत को बदनाम करने और देश की निष्पक्ष संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में व्यस्त हैं। वहीं, एनडीए सरकार ने बिहार में विकास और विश्वास का एक नया अध्याय लिखा है। बिहार की जनता के पास अब स्पष्ट विकल्प होगा।
ममता बनर्जी को लेकर कही ये बात
तरुण चुघ ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातीचीत के दौरान कहा, "भाई-भतीजावाद' और 'विकास' के बीच अंतर है और वे एनडीए को एक मजबूत जनादेश देंगे।" चुघ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भाजपा सांसद खगेन मुर्मू से मुलाकात पर भी टिप्पणी की, जिन्हें उत्तर बंगाल के नागराकाटा में भीड़ के हमले में गंभीर चोटें आईं।
मुर्मू भाजपा विधायक शंकर घोष के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी का 'लोकतंत्र' विरोधियों पर हमले, आतंक और तुष्टिकरण का पर्याय बन गया है। आदिवासी सांसद और भाजपा नेताओं पर हमला बंगाल के लोगों का अपमान है और लोग आगामी चुनावों में इसका निर्णायक जवाब देंगे।
बंगाल को तानाशाही से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध
चुघ ने कहा कि कभी सुशासन के मॉडल के रूप में ममता की प्रशंसा करने वाले बुद्धिजीवियों और धर्मनिरपेक्षतावादियों की चुप्पी अब बंगाल में अराजकता को ही उजागर करती है। भाजपा कार्यकर्ता और जनता बंगाल को तानाशाही, घुसपैठ और वोट बैंक की राजनीति से मुक्त कराकर सच्चे लोकतंत्र की नींव रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ...)
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