Maharashtra Politics: राकांपा को नया रंग-रूप देने की तैयारी में अजित पवार, नागपुर में होगा पार्टी का चिंतन शिविर
अजित पवार अपनी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को नया रूप-रंग देने के लिए चिंतन शिविर करने जा रहे हैं। पार्टी विभाजन के बाद पहली बार चिंतन शिविर करके वह अपनी पार्टी को संगठनात्मक एवं वैचारिक रूप से नई दिशा देना चाहते हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा पिछले एक दशक में हमारी पार्टी पहली बार इतना भव्य एवं अर्थपूर्ण चिंतन शिविर करने जा रही है।

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपनी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को नया रूप-रंग देने के लिए चिंतन शिविर करने जा रहे हैं। यह शिविर 19 सितंबर को नागपुर में होगा, जिसमें पार्टी की संगठनात्मक एवं वैचारिक दिशा तय की जाएगी।
चाचा शरद पवार से अलग हो गए थे अजित पवार
अजित करीब दो साल पहले अपने चाचा शरद पवार से अलग हो गए थे। उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में तो वह कुछ खास सफलता हासिल नहीं कर पाए, लेकिन विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 59 सीटों पर चुनाव लड़कर 41 सीटें जीतीं और राजनीति के महारथी माने जानेवाले शरद पवार सिर्फ 10 सीटों पर सिमट गए। इस जीत के बाद अजीत छठीं बार राज्य के उपमुख्यमंत्री पद संभाल रहे हैं।
भव्य होगा चिंतन शिविर
पार्टी विभाजन के बाद पहली बार चिंतन शिविर करके वह अपनी पार्टी को संगठनात्मक एवं वैचारिक रूप से नई दिशा देना चाहते हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा, यह सामान्य बैठक नहीं होगी। पिछले एक दशक में हमारी पार्टी पहली बार इतना भव्य एवं अर्थपूर्ण चिंतन शिविर करने जा रही है।
अजित पवार के दूरदर्शी नेतृत्व में पार्टी न सिर्फ आनेवाले चुनावों, बल्कि अगले दो दशक की रणनीति पर विचार करने जा रही है। इसमें पार्टी के सभी विधायक, सांसद, वरिष्ठ नेता, एवं देशभर से युवा प्रतिनिधि भाग लेंगे।
चुनाव आयोग ने अजित को ही पार्टी का मुखिया स्वीकार किया
बता दें कि राकांपा के दोनों गुटों ने चुनाव आयोग से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक पार्टी पर अधिकार को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी थी। जिसमें अजित को सफलता मिली। चुनाव आयोग ने अजित को ही पार्टी का मुखिया स्वीकार किया।
पार्टी का नाम एवं चुनाव चिन्ह भी उनके ही हिस्से में आया। इसी नाम और चुनाव चिन्ह के साछ उन्होंने पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव लड़ा।
लोकसभा चुनाव में मिली थी हार, लेकिन विधानसभा चुनाव में किया कमाल
लोकसभा चुनाव में बहुत अच्छी सफलता नहीं मिली, लेकिन विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव की तुलना में तीन गुना वोट लेकर 41 सीटें जीतने में कामयाब रही। अगले तीन-चार महीनों में ही महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव होने जा रहे हैं।
अजित स्थानीय निकाय चुनावों में पूरे दमखम से उतरना चाहते हैं। वह बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक पार्टी का ढांचा मजबूत करना चाहते हैं। वह अपनी पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा भी फिर से दिलवाना चाहते हैं। चिंतन शिविर में इन सभी एजेंडों पर चर्चा होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।