'पहले 40 पन्नों का जजमेंट पढ़ें', सलवा जुडूम वर्डिक्ट को लेकर अमित शाह ने किया हमला तो सुदर्शन रेड्डी दिया ये जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने के आरोप लगाए गए थे। जवाब में रेड्डी ने कहा कि हर नागरिक के जीवन स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने शाह से सलवा जुडूम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ने का आग्रह किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सलवा जुडूम फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हर नागरिक के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करना उनका कर्तव्य है।
रेड्डी ने कहा, "मैं भारत के माननीय गृह मंत्री के साथ सीधे तौर पर इस मुद्दे पर नहीं जुड़ना चाहता। उनका संवैधानिक कर्तव्य और दायित्व वैचारिक मतभेदों के बावजूद, प्रत्येक नागरिक के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करना है। दूसरी बात, मैंने फैसला लिखा है। यह फैसला मेरा नहीं है, यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय का है।"
'पहले 40 पन्नों का फैसला पढ़ें अमित शाह'
रेड्डी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि अमित शाह 40 पन्नों का फैसला पढ़ें। उन्होंने जोर देकर कहा, "अगर उन्होंने फैसला पढ़ा होता तो शायद वह यह टिप्पणी नहीं करते। मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं और यहीं खत्म करता हूं। बहस में शालीनता होनी चाहिए।"
अमित शाह ने क्या कहा था?
केंद्रीय गृह मंत्री ने रेड्डी पर हमला करते हुए कहा था, "विपक्ष के प्रत्याशी सुर्दशन रेड्डी वही हैं, जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद को मदद करने के लिए सलवा जुडूम का जजमेंट दिया था और अगर ये जजमेंट न दिया गया होता तो वामपंथी नक्सलवाद 2020 तक खत्म हो गया होता। यही सज्जन हैं, जिन्होंने विचारधारा से प्ररित होकर सलवा जूडुम का जजमेंट दिया था।"
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस पार्टी, वामपंथी दलों के दबाव में एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतार रही है जिसने नक्सलवाद का समर्थन किया और सुप्रीम कोर्ट जैसे पवित्र मंच का इस्तेमाल किया।"
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
ये भी पढ़ें: 'नक्सलियों के समर्थक को बनाया उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार', सुदर्शन रेड्डी को लेकर अमित शाह का बड़ा हमला
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।