New Income Tax Bill: नया इनकम टैक्स बिल समेत चार बड़े विधेयक राज्यसभा में हुए पास, जानिए क्या है इनमें खास
संसद में सरकार और विपक्ष अपने एजेंडे पर अड़े रहे। विपक्ष ने एसआईआर मुद्दे पर हंगामा किया पर सरकार विधेयक पारित कराने पर दृढ़ रही। लोकसभा से तीन और राज्यसभा से चार विधेयक पारित हुए जिन पर तीखी बहस हुई। मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लोकतंत्र के साथ धोखा बताया। जेपी नड्डा ने कहा कि विरोध हो सकता है पर सदन को बंधक नहीं बनाया जा सकता।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार और विपक्ष अपने-अपने एजेंडे पर पूरी तरह अडिग दिखाई दिए। विपक्ष एसआईआर के मुद्दे हंगामा करते हुए कभी वेल तक उतरा तो कभी वॉकआउट कर गया, लेकिन हर हाल में महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने को लेकर सरकार भी दृढ़ निश्चय के साथ अड़ी रही।
गहमागहमी और शोरशराबे के माहौल के बीच सोमवार को लोकसभा से तीन और राज्यसभा से चार विधयेक पारित हो गए। राज्यसभा में इस पर तीखी तकरार भी दिखाई दी। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस तरह विधेयक पारित कराए जाने को धोखा बताया।
जेपी नड्डा की दो टूक
मणिपुर के विधेयकों पर चर्चा के दौरान विरोध प्रदर्शन पर विपक्ष की आलोचना के साथ ही नेता सदन जेपी नड्डा ने दो टूक कहा कि लोकतंत्र में विरोध तो हो सकता है, लेकिन सदन को बंधक नहीं बनाया जा सकता। लोकसभा और राज्यसभा की स्थिति लगभग समान रही।
सुबह एसआईआर के विरोध में विपक्ष का प्रदर्शन था, इसलिए सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर उसका असर हंगामे के रूप में दिखाई दिया, जिसके चलते कुछ ही देर में दोनों सदन दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गए।
ध्वनी मत से दो बिल पारित
इसके बाद दोपहर में सरकार ने अपने विधायी कार्य को पूरा कराने का इरादा मजबूत किया। लोकसभा में स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल- 2025 और एंटी-डोपिंग बिल- 2025 पर बारी-बारी से चर्चा कराई और ध्वनि मत से उन्हें पारित करा दिया।
इसके बाद कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित हुई और उसके बाद शाम को आयकर (संशोधन) विधेयक- 2025 भी पारित हो गया। इसी तरह राज्यसभा में दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होते ही मणिपुर विनियोग विधेयक-2025 पर चर्चा शुरू करा दी।
लगातार नारेबाजी करता रहा विपक्ष
उसके पारित होते ही विपक्ष के हंगामे के बीच ही मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक- 2025 भी ध्वनि मत से पारित करा दिया। इस दौरान तमाम विपक्षी सदस्य वेल में नारेबाजी कर रहे थे। इस पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपत्ति जताई। कहा कि चर्चा के लिए कहा जा रहा है कि हाउस आर्डर में नहीं है, लेकिन विधेयक पारित हो रहे हैं। यह लोकतंत्र के साथ धोखा है।
उन्होंने पीठ के माध्यम से इस पर नेता सदन से जवाब की मांग की। इस पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा बिल्कुल होनी चाहिए, लेकिन सदन को बंधक नहीं बनाया जा सकता। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय हुआ था कि विधेयक पारित कराए जाएंगे।
जेपी नड्डा का विपक्ष पर निशाना
उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा- मैं स्तब्ध हूं कि मणिपुर का विधेयक पारित हो रहा था, तब विपक्ष विरोध कर रहा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी मणिपुर के विधेयकों के विरोध पर विपक्ष पर तंज कसा।
इसके बाद पीठासीन पदाधिकारी सुरेंद्र नागर ने मर्चेंट शिपिंग बिल-2025 पर उत्तर देने के लिए केंद्रीय पोत पत्तन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का नाम पुकारा तो हंगामा तेज हो गया। सदन तीन बजे तक स्थगित कर दिया गया। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर खरगे ने बाहर एसआईआर पर प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिए जाने का मुद्दा उठाया तो पीठ ने उन्हें विषय पर बोलने के लिए कहा।
विपक्ष ने किया वॉकआउट
नड्डा ने भी इसे अप्रासंगिक बताया। इस पर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। नेता सदन ने फिर चुटकी ली कि जो लोग मणिपुर के चैंपियन बने हुए थे, वही मणिपुर के विधेयकों का विरोध कर रहे थे। इसी माहौल में सरकार ने मर्चेंट शिपिंग बिल और फिर गोवा विधानसभा में अनुसूचित जाति आरक्षण संबंधी विधेयक को पारित कराया।
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