पुणे भूमि सौदा: अजित पवार की बर्खास्तगी की मांग उठी
पुणे में एक भूमि सौदे में अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार का नाम आने पर विपक्षी दलों ने अजित पवार की बर्खास्तगी की मांग की है। आरटीआई कार्यकर्ता ने इसे कानून का उल्लंघन बताया है, जिसमें स्टाम्प ड्यूटी का नुकसान हुआ है। कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने भी सरकार पर निशाना साधा है। सुप्रिया सुले ने पार्थ पवार का बचाव किया है।

अजित पवार। (फाइल)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। पुणे में एक भूमि सौदे से उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार के जुड़ने के बाद राज्य के विपक्षी दल अजीत पवार की बर्खास्तगी की मांग तो कर ही रहे हैं, उन्हें भाजपा पर भी निशाना साधने का मौका मिल गया है।
पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने कहा है कि मुंधवा सौदा सिर्फ एक अनियमित लेनदेन नहीं बल्कि यह कानून और जनता के विश्वास का गंभीर उल्लंघन है। 300 करोड़ रुपए के इस दस्तावेज को पंजीकृत करते समय गंभीर अनियमितताएं बरती गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप छह करोड़ रुपए से ज्यादा की स्टाम्प ड्यूटी का नुकसान हुआ है।
हैरानी की बात यह है कि 7/12 (महाराष्ट्र में भूखंड मालिकी का दस्तावेज) में ही धारक के रूप में महाराष्ट्र सरकार का उल्लेख था, फिर भी अनिवार्य सत्यापन या अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना ही पंजीकरण हो गया। सरकार ने अब इन निष्कर्षों की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। आखिरकार सच्चाई सामने आ रही है।
अंबादास दानवे ने CM फडणवीस पर निशाना साधा
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता अंबादास दानवे ने ‘देवाभाऊ’ के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा यह सब ‘मेवा-भाऊ’ के शासन में हो रहा है।
दानवे ने पूछा है कि 1,800 करोड़ रुपए की जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी गई, सिर्फ 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी पर, जहां रियल एस्टेट की कीमतें आसमान छू रही हैं। एक लाख रुपये की पूंजी वाली कंपनी के लिए जमीन खरीदना कैसे संभव हुआ, खासकर जब वह महार वतन की जमीन हो ?
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि सिर्फ 48 घंटों के भीतर ही उद्योग निदेशालय ने इस परियोजना पर स्टाम्प शुल्क माफ कर दिया। किस नियम के तहत उद्योग निदेशालय ने बिना किसी अनुभव के ऐसा प्रस्ताव देने वाली कंपनी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और स्टाम्प शुल्क माफ कर दिया? और सबसे बड़ी बात यह कि यह पूरा लेन-देन 27 दिनों में हो गया, और इस 40 एकड़ जमीन के सौदे के लिए जरूरी स्टाम्प शुल्क सिर्फ 500 रुपए है।
कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
इस भूखंड सौदे पर कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि फडणवीस को अजित पवार को बर्खास्त करने का साहस दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर किसानों को धमकाने वाले अजित पवार के लिए 21 करोड़ रुपयों की स्टांप ड्यूटी माफ कर दी गई।
यह पूरा मामला एक बड़ा घोटाला है और फडणवीस को इसका जवाब देना चाहिए। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पूर्व विधायक राजू पाटिल ने भाजपानीत सरकार पर तंज कसते हुए एक हिंदी गाने की तर्ज पर कहा कि मुन्ना बदनाम हुआ। उन्होंने कहा कि इस सरकार में मानसिकता बन गई है कि खुलेआम घोटाले करो, दिल्ली वाले संभाल लेंगे।
भतीजे के बचाव में आईं सुप्रिया सुले
हालांकि, एक आश्चर्यजनक बयान में राकांपा (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने अपने भतीजे पार्थ पवार का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले में बहुत भ्रष्टाचार है। लेकिन मुझे पार्थ पवार पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि पुणे कलेक्टर को जवाब देना चाहिए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।