सजा पर बर्खास्तगी वाले विधेयक पर राज्यसभा में भी हंगामा, विपक्ष के सांसदों में जमकर किया विरोध
130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर राज्यसभा में भारी विरोध हुआ। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने गृह मंत्री अमित शाह पर अशोभनीय टिप्पणी की और वेल में उतरकर नारेबाजी की। विपक्ष के हंगामे के बीच कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने के प्रस्ताव पर भी विपक्ष ने हंगामा किया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजनीतिक शुचिता के दावे के साथ सरकार द्वारा लाए गए 130वें संविधान संशोधन विधेयक का लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्य तो शोरगुल-नारेबाजी तक ही सीमित रहे, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के सदस्य विशेष रूप से तिलमिलाए नजर आए।
विधेयक संयुक्त संसदीय समिति के विचारार्थ भेजे जाने की सूचना उच्च सदन को देने आए गृह मंत्री अमित शाह पर अशोभनीय व्यक्तिगत टिप्पणी के साथ टीएमसी सांसदों ने वेल में उतरकर नारेबाजी की और पोस्टर भी लहराए। पीठ ने बार-बार समझाया, लेकिन वह नहीं माने। राज्यसभा में सुबह की कार्यवाही बमुश्किल छह-सात मिनट ही चल सकी।
टीएमसी सांसदों ने जमकर किया विरोध
विपक्ष के हंगामे के बीच उपसभापति हरिवंश ने यह कहते हुए कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक कि स्थगित कर दिया कि आप प्रश्नकाल चलाना ही नहीं चाहते। दोपहर में सदन में गृह मंत्री शाह भी पहुंचे। उनके विरोध की तैयारी विपक्ष में खास तौर पर टीएमसी सांसदों ने पहले से ही कर रखी थी। जैसे ही शाह जानकारी देने के लिए उठे कि गंभीर आपराधिक आरोप में लगातार तीस दिन जेल में रहने के बाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकारों के मंत्रियों की स्वत: सदस्यता होने के प्रविधान वाला 130वां संविधान संशोधन विधेयक-2025 संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया है, इस पर समूचा विपक्ष हंगामा करने लगा।
कांग्रेस सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे, जबकि टीएमसी सांसद वेल में उतर आए। उनके हाथों में गृह मंत्री व्यक्तिगत और अशोभनीय टिप्पणी वाले पोस्टर थे। पीठ ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि सदन में इस तरह पोस्टर दिखाना उचित नहीं है, लेकिन वह नहीं माने। जब अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग संबंधित विधेयक पेश किया तो नेता प्रतिपक्ष ने बोलने की अनुमति मांगी। उपसभापति ने उन्हें बोलने का अवसर दिया तो वह सवाल उठाने लगे कि विपक्ष वेल में है और सरकार विधेयक पारित करा रही है।
खरगे एसआईआर सहित विपक्ष की अन्य मांगों पर चर्चा कराना चाहते थे, लेकिन उपसभापति ने स्पष्ट कर दिया कि सिर्फ विधेयक के विषय में ही बोलने की अनुमति दी जा सकती है। इस बीच इस विधेयक पर जब-जब विपक्ष के अन्य सदस्यों को बोलने का अवसर दिया गया, उन्होंने विषय से हटकर ही अपनी बात रखने का प्रयास किया। साथ ही उन सदस्यों के पास जमघट लगाए टीएमसी सांसद माइक का उपयोग नारेबाजी के लिए कर रहे थे।
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