'सामान्य ज्ञान की बात, कुछ गलत नहीं है...', पहले किया मोदी सरकार का समर्थन; बाद में शशि थरूर बोले- 'मेरे बयान को गलत समझा'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में पेश 130वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। अमित शाह द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक में प्रावधान है कि यदि किसी मंत्री को पांच साल से अधिक की सजा वाले मामले में 30 दिन न्यायिक हिरासत में रहना पड़े तो उसे पद छोड़ना होगा। विपक्षी दलों ने इसे संविधान विरोधी बताते हुए विरोध किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। दरअसल, मामला यह है कि बुधवार को लोकसभा में 130वें संविधान संशोधन विधेयक समेत तीन बिल पेश किए। तीनों बिल को अमित शाह ने पेश किया। मीडिया से बातचीत करते हुए शशि थरूर ने कहा कि अगर आप 30 दिन जेल में हैं, तो क्या आप मंत्री पद पर बने रह सकते हैं? यह सामान्य ज्ञान की बात है। मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता। लेकिन अगर इसके पीछे कुछ और है, तो पहले उसे पढ़ना होगा।
मेरे बयान को गलत समझा: थरूर
लेकिन बाद में केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए तीन अयोग्यता विधेयकों पर शशि थरूर ने कहा कि मेरी टिप्पणी को "गलत तरीके से पेश" किया गया। थरूर ने कहा कि मीडिया ने इन विधेयकों पर मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। मेरा असल मतलब यह था कि जब तक दोष सिद्ध न हो जाए, किसी को पद से अयोग्य कैसे ठहराया जा सकता है?
वहीं, उन्होंने आगे कहा कि अगर विधेयक को जेपीसी के पास भेजा जाएगा तो यह अच्छी बात होगी। अगर इस पर (संयुक्त संसदीय समिति में) चर्चा होती है, तो यह अच्छी बात है। मेरी राय में समितियों के भीतर सभी विषयों पर चर्चा हमारे देश के लिए अच्छी बात है।
क्या है 130वें संविधान संशोधन विधेयक?
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या फिर किसी मंत्री पर 5 साल से अधिक सजा के प्रावधान वाले केस में आरोप लगता है और अगर वह तीस दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहते हैं तो उन्हें पद छोड़ना होगा।
विपक्षी सांसदों ने किया विधेयक का विरोध
विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक का जमकर विरोध किया। कांग्रेस, सपा और टीएमसी से इसे संविधान के खिलाफ कदम बताया है। असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध किया। विधेयक के खिलाफ आक्रोश जताते हुए विपक्षी सांसदों ने अमित शाह की तरफ बिल की कॉपी फाड़ कर फेंक दी। वहीं, कागज के टुकड़े अमित शाह की ओर उछाले
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