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    अजनाला थाने पर हमला मामले में अमृतपाल के 41 साथी कोर्ट में पेश, आरोप तय; अब अमृतसर में चलेगा केस

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 08:48 PM (IST)

    मार्च 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले के मामले में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के 41 साथियों को अमृतसर की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए और चालान की प्रतियां सौंपी। सुरक्षा कारणों से अमृतपाल सिंह को पेश नहीं किया गया। घटना के बाद अब इस मामले का ट्रायल अमृतसर में चलेगा।

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    अजनाला थाने पर हमला करने वाले 41 आरोपितों के खिलाफ चार्ज फ्रेम। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। मार्च 2023 में थाना अजनाला पर हमला करने के आरोप में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के 41 साथियों को वीरवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश परिंदर सिंह की कोर्ट में पेश किया गया।

    न्यायाधीश के समक्ष आरोपितों के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया गया और उन्हें चालान पेश करने के उपरांत चालान की कापियां भी दी गईं।

    हालांकि आसाम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद होने के कारण अमृतपाल सिंह को यहां कोर्ट में नहीं लाया गया। क्योंकि एनएसए हटने के बाद ही आरोपित को यहां लाकर केस चलाया जा सकता है।

    जानकारी के मुताबिक बठिंडा के कोट फता गांव निवासी गुरपाल सिंह, होशियारपुर जिला के गढ़शंकर थाने के अधीन पड़ते महिरोवाल गांव निवासी गुरवीर सिंह, जंगियाना निवासी बलजिंदर सिंह, संगरूर के शेरपुर निवासी सवरीत सिंह, सिरसा के डबवाली निवासी अमनदीप सिंह उर्फ जोती, मोगा के सिंहवाला निवासी अजयपाल सिंह उर्फ शिव, घरिंडा के राजाताल निवासी हरविंदर सिंह उर्फ हरमिंदर सिंह, सुल्तानविंड रोड निवासी भूपिंदर सिंह उर्फ शेरू, बटाला के रगड़ नंगल गांव निवासी सुखमनजीत सिंह उर्फ सुखा, मोगा के निहाल सिंह वाला निवासी हरप्रीत सिंह, जालंधर के चौगिटी गांव निवासी ओंकार सिंह,अजनाला के कोटली अंब निवासी हरकरण सिंह, मजीठा निवासीी सुखप्रीत सिंह उर्फ सुख, समराला निवासी ईश्वर सिंह, जलालउसमा गांव निवासी रणजोध सिंह,मेहता निवासी बलविंदर सिंह, रमदास के अवान गांव निवासी रणजोध सिंह, ब्यास के जोदे गांव निवासी परषोतम सिंह, ब्यास के शेरोबागा गांव निवासी जगदीश सिंह उर्फ जग्गा, जोदे गांव निवासी हरमेल सिंह, मोगा के समालसर गांव निवासी कुलवंत सिंह उर्फ फौजी, संगरूर के छाजली गांव निवासी मनदीप सिंह, बरनाला के औलख पती गांव निवासीी राजिंदर सिंह उर्फ जिंदा, फिरोजपुर के मखु गांव निवासी रणजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, एसबीएस नंगर के बहराम गांव निवासी मनप्रीत सिंह, खन्ना के मांगेवाल गांव निवासी तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा, गुरभेज सिंह, मुक्तसर साहिब के गांव गिदड़बाहा निवासी कुलवंत सिंह, बठिंडा के गांव जंडावाला गांव निवासी गुरजोत सिंह ढिल्लों, तरनतारन के भिखीविंड निवासी गुरप्रीत सिंह, जल्लूपुर खेड़ा निवासी हरजीत सिंह चाचा, मरड़ी कलां गांव निवासी पपलप्रीत सिंह, मोगा के दौलतपुरा गांव निवासी बसंत सिंह, कुलवंत सिंह धारीवाल, मोगा स्थित बाजेके गांव निवासी भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके, कपूरथला के फगवाड़ा निवासी गुरिंदर पाल सिंह औजला उर्फ गुरी औजला, नई दिल्ली स्थित पंजाबी बाग (पश्चिम) सूर्या हाउस क्लब के पास रहने वाला सरबजीत सिंह उर्फ दलजीत सिंह कलसी, तरनतारन के पट्टी गांव निवासी वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, फरीदकोट के पंजगराई कलां गांव निवासी अमनदीप सिंह और तरनतारन के खेमकरण निवासी मनप्रीत सिंह को कोर्ट में लाया गया।

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    उक्त आरोपित पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद हैं और उन्हें वीरवार को अमृतसर की अदालत में पेस किया गया। उल्लेखनीय है कि उक्त सभी आरोपितों के खिलाफ थाना अजनाला में पुलिस थाने पर हमला करने, एसपी युवराज सिंह सहित छह पुलिस कर्मियों को जख्मी का आरोप है।

    बता दें घटना वाले दिन खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (वर्तमान में हलका खडूर साहिब से सांसद) ब्यास के जल्लूपुर खेड़ा गांव से वहीर साहिब (धार्मिक यात्रा) अजनाला थाने तक निकाली थी। अमृतपाल सिंह के कुछ साथियों को थाना अजनाला की पुलिस ने लूट खसोट के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

    आरोपित ने अमृतपाल ने साथी छुड़वाने और पर्चा खारिज करने के लिए पुलिस को चेतावनी दी थी। यात्रा के दौरान सैकड़ों की संख्या में आरोपितों ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया था। जमकर ईंट पत्थर चलाए थे।

    लेकिन धार्मिक पुस्तकें यात्रा वाले वाहन के भीतर पड़ी होने के कारण पुलिस ने किसी तरह का विरोध नहीं किया था। इसके बाद घटना की कई वीडियो आरोपितों ने इंटरनेट मीडिया पर वायरल की थी। पुलिस भी कार्रवाई करने में जुटी हुई थी।

    अब अजनाला नहीं अमृतसर में चलेगा केस

    घटना के बाद से यह केस अजनाला की ट्रायल कोर्ट में चल रहा था. लेकिन हत्या प्रयास की धारा लगी होने के कारण चार्ज फ्रेम और चालान पेश करने के बाद इस मामले का सैशन ट्रायल चलाया जाना है।

    पुलिस ने कर रखे थे सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त

    उक्त संगीन मामले में चार्ज फ्रेम होने से पहले पुलिस द्वारा जिला कचहरी में पहले से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर रखे थे। एडीसीपी हरपाल सिंह की अगुआई में एसीपी रिषभ भोला, एसीपी गुरवीर सिंह, डीएसपी मनिंदर सिंह, इंस्पेक्टर रोबिन हंस ने कचहरी परिसर में सभी बंदोबस्त कर रखे थे।

    सुरक्षा के नजरिए से पुलिस द्वारा उक्त आरोपितों को पहले ही पंजाब की विभिन्न जेलों से लाकर कचहरी से कहीं दूर वाहनों में बैठा रखा था।

    एक एक और दो दो आरोपितों को पुलिस बारी बारी से कोर्ट में लाती रही और फिर उन्हें लेकर वहीं वाहनों में बैठाकर वापस भेज दिया गया। कई आरोपितों के स्वजन भी मुलाकात करने पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने किसी आरोपित को उसके परिवार के सदस्यों से नहीं मिलने दिया।

    चीखता रहा बाजेके

    भगवंत सिंह उर्फ प्रधान मंत्री बाजेके वीरवार को पुलिस सुरक्षा के बीच चीखता रहा कि उसने अमृतपाल सिंह के खिलाफ किसी तरह की बयानबाजी नहीं की है। पुलिस द्वारा उसे डरा धमका कर और खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए थे।

    बता दें विगत में सप्लीमेंट्री चालान पेश करते समय पुलिस ने बताया था कि प्रधानमंत्री बाजेके ने अपने बयान में कहा है कि डिब्रूगढ़जेल में अमृतपाल सिंह नशीले पदार्थों का सेवन करने लगा है।