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    अमृतसर में बाढ़ के बाद बीमारी का संकट, दूषित पानी और मरे जानवरों से संक्रमण का खतरा; अलर्ट पर सेहत विभाग

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 08:46 PM (IST)

    अमृतसर में बाढ़ का पानी उतरने के बाद दूषित पेयजल और मरे हुए जानवरों से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कई घरों में ट्यूबवेल खराब हो गए हैं जिससे पेयजल की समस्या हो रही है। सेहत विभाग गांवों में स्प्रे कर रहा है और लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। मवेशियों के शवों से उठती बदबू से बीमारी फैलने की आशंका है।

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    अमृतसर में बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब बीमारी फैलने का खतरा (फाइल फोटो)

    सरबजीत सिंह/नितिन धीमान, अमृतसर। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से पानी तो उतर चुका है लेकिन कई प्रकार की समस्याएं उबरकर सामने आ रही हैं। पानी की मार से प्रभावित गांव के कई घरों में लगे हुए ट्यूबवेल के बोर खराब हो चुके हैं।

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    मौजूदा समय में कई घरों के ट्यूबवेल जो चालू हालत में है, वह भी दूषित पानी निकाल रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है कि पेयजल कई घरों में दूषित हो चुका है। पेयजल की पूर्ति के लिए जा तो उन्हें अपने किसी पड़ोसी के घर से पानी लाना पड़ रहा है, जा फिर सेवा सोसायटियों द्वारा दिए गए पानी से आपूर्ति हो रही है।

    बाढ़ के पानी के कारण कई लोगों के मवेशी मर चुके हैं। इस कारण इलाके में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। मवेशियों के शवों और घरों में पानी की मार से उठने वाली बदबू के चलते बीमारी फैलने की आशंका है। इसे देखते हुए सेहत विभाग ने प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।

    लोगों को बीमारी की चपेट से बचाने के लिए गांव में लगातार सप्रे करवाई जा रही है। सिविल सर्जन अमृतसर डाक्टर स्वर्णजीत धवन की अगुआई में सेहत विभाग की टीमें बाढ़ प्रभावित गांवों में लगातार जुटी हुई हैं। डाक्टरों की टीमें हर गांव में पहुंचकर स्थानीय लोगों की सेहत जांच की जा रही है। बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों को उबालकर ही पानी का प्रयोग करने को कहा जा रहा है।

    उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित गांव में चमड़ी के रोग, फ्लू, डायरिया आदि बीमारियों से लोग ग्रस्त हो सकते हैं। जिसे से बचाव के लिए विभाग की ओर से दवाइयां और डॉक्टरों की टीमें लगातार कार्य में जुटी हुई हैं।

    गांव घोनेवाल निवासी सूरत सिंह ने बताया कि बाढ़ के पानी के चलते कई पालतू मवेशी बह गए थे। गांव के खेतों में कई मवेशियों के शव होने से बदबू उठ रही है। यह बदबू लोगों को संक्रमित कर सकती है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।

    गांव घोनेवाल की निवासी बलजिंदर कौर ने बताया कि घर में सात फीट से अधिक पानी और गाद के कारण ट्यूबवेल बोर खराब हो चुका है। ऐसा ही बाकी के बाढ़ प्रभावित कई घरों में हो रहा है। इस कारण पेयजल की आपूर्ति के लिए उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    गांव नंगल सोहल निवासी वीर कौर ने बताया कि घर का सारा सामान बाढ़ के पानी में भीग गया था। पानी उतरने के बाद सामान सुखाने की कोशिश की, लेकिन नमी की वजह से इतनी बदबू आ रही है कि पास खड़े होना भी मुश्किल है। घरों में जमा गाद बी परेशानी बनी हुई है।