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    Punjab Flood: रावी दरिया के चार जगह बांध टूटे, रमदास के 25 गांवों में घरों में भरा 10 फीट पानी

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 08:09 AM (IST)

    अमृतसर के रमदास में रावी नदी के तटबंध टूटने से 20-25 गांव जलमग्न हो गए। घरों में 10 फीट तक पानी भर गया है। डीसी साक्षी साहनी के नेतृत्व में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और राहत सामग्री वितरित की जा रही है। प्रशासन ने 14 गांवों को खाली करने का आदेश दिया था।

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    पानी के बीच फंसे वाहनों को बाहर निकालते लोग

    हरदीप रंधावा, रमदास/अजनाला (अमृतसर)। डेरा बाबा नानक में रावी दरिया के चार जगहों से बांध टूटने से रमदास के 20 से 25 गांवों में पानी घुस गया। लोगों के घरों में करीब दस फीट कर पानी भर गया। बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने को जिला प्रशासन की टीमें जुटी हुई हैं।

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    डीसी साक्षी साहनी, एसएसपी मनिंदर सिंह, एडीसी रोहित गुप्ता और एसडीएम रविंदर अरोड़ा फील्ड में उतरकर खुद राहत कार्यों पर नजर रखे हुए हैं। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरफ), स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरफ) लोगों को को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने में जुटे हुए हैं।

    जिला प्रशासन के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाएं भी लोगों तक राशन पहुंचा रही हैं। जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित गांवों में चार नाव की सहायता से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया रहा है। वहीं, बठिंडा से भी टीमें मदद के लिए आ रही हैं। रावी दरिया का मंगलवार को ही जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया था।

    डीसी साक्षी साहनी विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल के साथ मंगलवार देर रात तक रावी दरिया के नजदीक लगते अजनाला के गांवों में लोगों को सुरक्षा प्रदान करने को जुटी रहीं थी। यही नहीं, जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रखने के साथ-साथ अजनाला के 14 गांवों को अलर्ट जारी करते हुए खाली करने के आदेश जारी किए थे।

    प्रशासन को शक था कि रंजीत सागर डैम से छोड़े गए पानी से रावी दरिया में बढ़ा जलस्तर लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। बुधवार सुबह दिन चढ़ते ही डेरा बाबा नानक के नजदीकी गांव घोनेवाल से रावी दरिया के बांध में दरार आने से पानी खेतों में घुसना शुरू हो गया, इसकी सूचना पाकर नौ बजे डीसी ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू करवाए। वह खुद खुद लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए राहत टीमों के साथ नाव में बैठकर गांवों तक पहुंचीं।