पंजाबी स्वाद की विरासत को बढ़ावा देगा अमृतसरी कुल्चा, GI टैग मिलने के बढ़े चांस
पंजाब का फूड प्रोसेसिंग विभाग अमृतसर के मशहूर अमृतसरी कुल्चे के लिए जीआई टैग हासिल करने की कोशिश कर रहा है। जीआई टैग मिलने से इस शहर की खास पहचान और बढ़ेगी। इससे ब्रांडिंग निर्यात और बाजार में नए मौके मिलेंगे जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस बारे में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में एक बैठक भी हुई जिसमें कई विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

संवाद सहयोगी, अमृतसर। पंजाब के फूड प्रोसेसिंग विभाग द्वारा अमृतसर के प्रसिद्ध व्यंजन अमृतसरी कुल्चे के लिए भू-आकृतिक संकेत ज्योग्राफिकल इंडीकेशन–(जीआइ) टैग प्राप्त करने की संभावनाओं की तलाश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि जीआइ टैग एक लेबल होता है, जो विशेष भौगोलिक क्षेत्र जैसे किसी विशिष्ट इलाके, कस्बे या देश के संदर्भ में विशिष्ट गुणवत्ता, श्रेणी या विशेषता वाले उत्पादों को दिया जाता है।
बैठक के दौरान हुई घोषणा
यह घोषणा पंजाब के फूड प्रोसेसिंग विभाग की प्रमुख सचिव राखी गुप्ता भंडारी ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की पहलों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित बैठक के दौरान की।
बैठक में फूड साइंस एवं टेक्नोलाजी विभाग के फैकल्टी सदस्य, औद्योगिक संगठन तथा मुरब्बा, अचार, बासमती चावल, शहद और गुड़ के प्रोसेसिंग यूनिट्स के प्रतिनिधि शामिल थे।
नए रोजगार होंगे सृजित
जीआइ टैग प्राप्ति के फायदों पर प्रकाश डालते हुए राखी गुप्ता भंडारी ने कहा कि यह न केवल इस पवित्र शहर की विशिष्ट खानपान विरासत को बढ़ावा देगा, बल्कि ब्रांडिंग, निर्यात, बाजार विस्तार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बैठक में अशोक सेठी, राकेश ठुकराल, सुरिंदर लखेसर, डॉ. डीएस सोगी (प्रोफेसर, फूड साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग, जीएनडीयू), और उद्योग जगत से प्रतिनिधि शामिल थे।
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