चिट्टीसिंहपुरा नरसंहार पीड़ितों के परिवारों को आज भी इंसाफ का इंतजार, 25 साल पहले की घटना को याद कर सहम जाता है दिल
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने चिट्टीसिंहपुरा नरसंहार के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 25 सिखों की हत्या की घटना सिख समुदाय के लिए गहरा आघात थी और पीड़ित परिवार आज भी इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर सिखों के अधिकारों को दबाने का आरोप भी लगाया और समुदाय को एकजुट रहने का संदेश दिया।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के चिट्टीसिंहपुरा गांव में आयोजित गुरमत समागम में हिस्सा लिया।
इस मौके पर उन्होंने 20 मार्च 2000 को हुए उस दर्दनाक नरसंहार की याद में बनाई गई शहीद स्मारक और तस्वीरें देखीं, जिसमें 25 सिखों की हत्या कर दी गई थी।
जथेदार गड़गज ने कहा कि यह घटना न केवल कश्मीर के सिखों को, बल्कि पूरी सिख कौम को झकझोर देने वाली थी।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि शहीदों के परिवार आज भी इंसाफ के इंतजार में हैं, क्योंकि इस हत्याकांड का सच आज तक सामने नहीं आ सका और दोषियों को न तो बेनकाब किया गया और न ही सजा दी गई।
उन्होंने कहा कि गांव की दीवारों पर आज भी गोलियों के निशान इस गवाही देते हैं कि सिख कौम अल्पसंख्यक होने के बावजूद बार-बार निशाना बनाई गई।
बावजूद इसके कश्मीर के सिखों ने अपनी जमीन नहीं छोड़ी और आज भी गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया में चढ़दी कला के साथ वहीं रह रहे हैं। परंतु सरकारें लगातार इनके हक और अधिकारों को दबा रही हैं।
जथेदार गड़गज ने कहा कि चिट्टीसिंहपुरा की घटना हमें यह शिक्षा देती है कि यदि सिख कौम एकजुट हो जाए तो किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है।
गांव की संगत की ओर से गुरुद्वारा साहिब में गुरमत समागम का आयोजन किया गया, जिसमें जत्थेदार ने संगत के साथ गुरबाणी विचार साझा किए और शहीद परिवारों से मिलकर उनके दुख-दर्द में भागीदारी की।
उन्होंने गांव के सरकारी अध्यापक ज्ञानी राजिंदर सिंह और नौजवान सभा द्वारा शहीदों की याद को संजोने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।
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