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    तरनतारन के खेमकरण में डिफेंस ड्रेन के पास धुस्सी बांध टूटा, बाढ़ की चपेट में आए 48 गांव

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:54 PM (IST)

    तरनतारन में डैमों से बढ़ते जलस्तर से गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। धुस्सी बांध कई जगह से टूट गया है जिससे चार दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। सभरा गांव में ग्रामीण और कार सेवा वाले बांध को मजबूत करने में जुटे हैं। मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने भी मौके पर पहुंचकर मदद की।

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    तरनतारन में 48 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

    धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। डैमों में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। तरनतारन जिले के गांवों में पानी की मार ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। वहीं, जिला प्रशासन मौन धारे हुए है। धुस्सी बांध ने एक ही समय में तीन मुसीबतें खड़ी कर दी हैं। जहां, सतलुज दरिया के समीप गांव सभरा में कमजोर पड़े धुस्सी बांध को 13वें दिन भी गांववाले मजबूत करने में लगे रहे, वहीं यहां से पांच किलोमीटर दूर गांव घड़ुंम (टाहलियां) में धुस्सी बांध पानी में बहने लगा।

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    यही नहीं शाम होते-होते भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ सटे कस्बा खेमकरण स्थित डिफेंस ड्रेन के समीप धुस्सी बांध टूट गया। इस कारण कुल मिलाकर तरनतारन जिले के चार दर्जन के करीब गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। आने वाले 24 घंटों में डैमों से छोड़े गए पानी के कारण हरिके पत्तन हेड वर्क्स पर आवक बढ़ते ही तबाही होने का डर लोगों को सताने लगा है।

    दरिया सतलुज के समीप गांव सभरा में कमजोर पड़े धुस्सी बांध को मजबूत करने को कार सेवा सरहाली संप्रदाय व बाबा बिधि चंद संप्रदाय द्वारा अहम सहयोग दिया जा रहा है। बुधवार रात दस बजे हालात बिगड़ते देखकर गांवों में मुनादी करवाई गई। परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर अपने काफिले समेत धुस्सी बांध पर पहुंचे। क्षेत्र के लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए मंत्री भुल्लर ने अपने कंधे पर मिट्टी की बोरियां ढोईं।

    आसपास के गांवों से महिलाओं ने देर रात को गुरु का लंगर तैयार करके बांटा। सतनाम श्री वाहेगुरु जी के जाप के बीच बांध की कमजोरी दू्र हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि, पानी की आवक बढ़ते ही वीरवार शाम को दोबारा हालात बिगड़ते दिखाई दिए। किसानों के लिए मुसीबत उस समय और बढ़ गई जब यहां से पांच किलोमीटर दूर (हरिके हेड वर्क्स से महज चार किलोमीटर दूर) गांव घड़ुंम (टाहलियां) में धुस्सी बांध की मिट्टी को पानी का तेज बहाव अपने साथ ले गया।

    गांव कुत्तीवाला, घड़ुंम, सभरा, गट्टा बादशाह, बस्ती लाला सिंह से लोग बांध की मजबूती को लेकर ट्रैक्टर-ट्रालियों समेत जुट गए। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि धुस्सी बांध के साथ लगने वाली 10-10 किल्ले जमीन एक्वायर करके पत्थरों से मजबूत दीवार बनाई जाए ताकि दरिया ब्यास का पानी किसानों के लिए आफत न बने।

    उधर, शाम साढ़े चार बजे खेमकरण शहर में मुनादी सुनी गई कि कंटीली तार के साथ लगते गांव मेहंदीपुर स्थित डिफेंस ड्रेन (गुरुद्वारा बाबा साहिब सिंह शहीद) वाला धुस्सी बांध बह गया है। नतीजन पानी के बहाव से कंटीली तार व गेट पानी में डूब गए। इसके चलते गांव मेहंदीपुर, मुहम्मदीवाला, मियांवाला की सैकड़ों एकड़ जमीन में पानी भर गया।

    बता दें कि हरिके पत्तन हेड वर्क्स से डाउनस्ट्रीम में जो पानी पाकिस्तान को छोड़ा जाता है, उससे बचाव के लिए पाकिस्तान द्वारा लगाई गई रोक के चलते पानी विपरीत दिशा की ओर आते हुए खेमकरण की डिफेंस ड्रेन के साथ वाले धुस्सी बांध पर बहता है। इसके चलते यह पानी तेज बहाव के कारण खतरा बन गया है।

    क्षेत्रवासी सुखजीत सिंह भूरे, गुरसेवक सिंह, मौजा सिंह, हरजिंदर सिंह, अमरीक सिंह, बघेल सिंह, जसकरन सिंह, राज सिंह, अर्जन सिंह, कुलवंत सिंह, सतनाम सिंह, शमशेर सिंह, अमरजीत सिंह ने बताया कि क्षेत्र के लोग अपने स्तर पर धुस्सी बांध बनाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों से मिट्टी ढो रहे हैं। हालांकि, प्रशासन से उनको कोई सहयोग नहीं मिल रहा।

    हरिके पत्तन हेड वर्क्स पर पानी की आवक हरिके पत्तन हेड वर्क्स पर शाम चार बजे 2,77,500 क्यूसेक पानी अपस्ट्रीम में रिकार्ड किया गया। पाकिस्तान को डाउनस्ट्रीम में 2,63,333 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि, राजस्थान व फिरोजपुर फीडर को 11,463 क्यूसेक पानी छोड़ने की पुष्टि हुई है। आने वाले 48 घंटों में हरिके पत्तन हेड वर्क्स पर पानी की आवक तीन लाख क्यूसेक का आंकड़ा पार कर सकती है।